Chapter-1
INDIAN CIVILIZATION AND CULTURE
-Mahatma Gandhi
About the author:
➡Mohan Das
Karamchand Gandhi was born in 1869 and died in 1948.
➡He is known
as Bapu or the Father of the Nation.
➡He was more
a spiritual leader than a politician.
➡He used
truth and non-violence as the chief weapons against the British rule.
➡He
completely dominated Indian politics from 1915 to 1948.
➡My
Experiments with Truth is his autobiography.
INDIAN CIVILIZATION AND CULTURE
1.
I believe
that the civilization India has evolved is not to be beaten in the world.
Nothing can equal the seeds sown by our ancestors. Rome went, Greece shared the
same fate, the might of the Pharaohs was broken, Japan has become westernized;
of China nothing can be said, but India is still, somehow or other, sound at
the foundation. The people of Europe learn their lessons from the writings of
the men of Greece or Rome which exist no longer in their former glory. In
trying to learn from them, the Europeans imagine that they will avoid the
mistakes of Greece and Rome. Such is their pitiable condition.
मेरा विश्वास है कि जिस सभ्यता का विकास भारत ने किया है
उसे दुनिया मे कोई हरा नहीं कर सकता है। जो बीज हमारे
पूर्वजों ने बोए थे उनकी कोई बराबरी नहीं कर सकता है। रोम मिट गया,
यूनान का भी वही हाल हुआ, फिरौन की ताकत चूर हो गई। जापान पश्चिमी
देशों जैसा बन गया; चीन के बारे
में कुछ नहीं कहा जा सकता है । लेकिन भारत किसी न
किसी तरह अपनी नींव पर खड़ा है। यूरोप के लोग ग्रीस या रोम के लोगों के लेखन से अपना सबक
सीखते हैं जो अब अपने पूर्व गौरव में मौजूद नहीं हैं। उनसे सीखने की
कोशिश में, यूरोपीय लोग कल्पना करते हैं कि वे ग्रीस और
रोम की गलतियों से बाख जायेंगे। ऐसी उनकी दयनीय दशा है।
2.
In the midst
of all this, India remains immovable and that is her glory. It is a charge against India that her people are so uncivilized, ignorant and
stolid, that it is not possible to induce them to adopt any changes. It is a charge
really against our merit. What we have tested and found true on the anvil of experience,
we dare not change. Many thrust their advice upon India, and she remains steady.
This is her beauty; it is the sheet anchor of our hope.
इन सबके बीच भारत
अडिग है, और यही उसकी महिमा
है। भारत के लोगों के खिलाफ एक आरोप है कि वे इतने असभ्य, अज्ञानी, और मुर्ख है, की उन्हें किसी भी परिवर्तन को अपनाने के
लिए प्रेरित करना संभव नहीं है । वास्तव में यह आरोप हमारे गुण के खिलाफ है जिसे हमने
अपने अनुभव के अहरन पर परखा और सही पाया है । इसे हम बदलने का साहस नही कर सकते। अनेक लोग अपनी सलाह भारत पर थोपते हैं, फिर भी वह स्थिर
है। यही इसकी खूबसूरती है । यही हमारी उम्मीद की मुख्य अधर है।
3.
Civilization
is that mode of conduct which points out to man the path of duty. Performance
of duty and observance of morality are convertible terms. To observe morality
is to attain mastery over our minds and our passions. So doing, we know
ourselves. The Gujarati equivalent for civilization means “good conduct”.
सभ्यता आचरण
का वह तरीका है जो इन्सान को कर्तव्य का मार्ग बताता है। कर्तव्य का पालन और नैतिकता का पालन
परिवर्तनीय शब्द हैं। नैतिकता का पालन करना हमारे मन और हमारे जुनून पर महारत
हासिल करना है। ऐसा करने से, हम
खुद को जानते हैं। गुजराती में
सभ्यता का सामनार्थ अर्थ है "अच्छे आचरण"।
4.
If this definition
be correct, then India, as so many writers have shown, has nothing to learn
from anybody else, and this is as it should be.
अगर यह परिभाषा
सही है, तो भारत को, जैसा की कई लेखकों
ने स्पष्ट किया है,किसी से कुछ सीखने की जरुरत नहीं है, और यह वैसा ही है
जैसा होना चाहिए।
5.
We notice
that the mind is a restless bird, the more it gets the more it wants, and still
remains unsatisfied. The more we indulge in our passions, the more unbridled
they become. Our ancestors, therefore, set a limit to our indulgences. They saw
that happiness was largely a mental condition.
हम देखते हैं कि मन एक बेचैन पक्षी है,
जितना अधिक इसे मिलता है, उतनी ही अधिक वह
इच्छा करता है और फिर भी असन्तुष्ट रहता है। जितना अधिक हम अपने जुनून में लिप्त
होते हैं,
उतनी ही वे बेकाबू हो जाती हैं। इसिलए हमारे पूर्वजों ने हमारे
भोग-विलास की सीमा
निर्धारित की है। उन्होंने देखा कि खुशी काफी हद तक एक
मानसिक स्थिति थी।
6.
A man is not
necessarily happy because he is rich, or unhappy because he is poor. The rich
are often seen to be unhappy, the poor to be happy. Millions will always remain
poor. Observing all this, our ancestors dissuaded us from luxuries and
pleasures. We have managed with the same kind of plough as existed thousands of
years ago. We have retained the same kind of cottages that we had in former
times and our indigenous education remains the same as before. We have had no
system of life-corroding competition. Each followed his own occupation or trade
and charged a regular wage. It was not that we did not know how to invent
machinery, but our forefathers knew that, if we set our hearts after such
things, we would become slaves and lose our moral fibre. They, therefore, after
due deliberation decided that we should only do what we could with our hands
and feet. They saw that our real happiness and health consisted in a proper use
of our hands and feet.
यह जरुरी नहीं कि कोई आदमी इसलिए खुश है की अमीर है या वह
इसलिए दुखी है क्योंकि वह गरीब है। कई बार देखा गया है कि अमीर दुखी है और गरीब
सुखी । लाखों लोग सदा गरीब रहेंगे, यह सब कुछ देखते
हुए हमारे पूर्वजों ने हमें भोगविलासों और आनंद से रोका है। हमने उस प्रकार के
हल से काम चलाया जो हज़ारों वर्षों से प्रचलित था। हमने उसी प्रकार की कुटियों
(झोपड़ी) को बनाये रखा जो पुराने समय में थीं। और हमारी देशी शिक्षा
पहले जैसी ही है। हमारे पास कोई जीवन-भ्रष्ट प्रतियोगिता की कोई व्यवस्था नहीं है। सभी अपना-अपना कामधन्धा करते थे और नियामित वेतन पाते थे। ऐसा नहीं था कि हमें मशीनों का आविष्कार करने का तरीका नही मालूम
था बल्कि हमारे पूर्वज जानते थे कि अगर हमने अपना मन इस ओर
लगा लिया,
तो हम गुलाम बन जाएँगे और अपन चरित्र गवाँ देंगे। इसलिए
उन्होंने विचार-विमर्श के बाद फैसला किया कि हमें केवल वही
करना चाहिए जो हम अपने हाथों और पैरों से कर सकते हैं। उन्होंने देखा कि हमारी वास्तविक ख़ुशी व स्वास्थ्य हाथों-पाँवों के उचित उपयोग में ही निहित है।
7.
They further
reasoned that large cities were a snare and a useless encumbrance and that
people would not be happy in them, that there would be gangs of thieves and
robbers, prostitution and vice flourishing in them and that poor men would be
robbed by rich men. They were, therefore, satisfied with small villages.
उन्होंने आगे तर्क दिया कि बड़े शहर एक फंदे जैसा है फँदे
हैं जहाँ निर्रथक बाधाएँ हैं, और लोग उनमे खुश नही राह सकेंगे, उनमें चोरों और लुटेरों, वेश्यावृत्ति
और बुराई के गिरोह पनपेंगे और अमीर लोगों द्वारा गरीब लोगों को लूट लिया जाएगा।
इसलिए, वे छोटे गांवों से संतुष्ट थे।
8.
They saw
that kings and their swords were inferior to the sword of ethics, and they,
therefore, held the sovereigns of the earth to be inferior to the Rishis and
the Fakirs. A nation, with a constitution like this, is fitter to teach others
than to learn from others. This nation had courts, lawyers and doctors, but
they were all within bounds. Everybody knew that these professions were not
particularly superior. Moreover, these Vakils and Vaids did not rob people;
they were considered people's dependents, not their masters. Justice was
tolerably fair. The ordinary rule was to avoid courts. There were no touts to
lure people into them. This evil too was noticeable only in and around
capitals. The common people lived independently and followed their agricultural
occupation. They enjoyed true Home Rule.
उन्होंने देखा कि
राजा और उनकी तलवारें नैतिकता की तलवारों से घटिया थीं, और इसलिए उन्होंने
धरती के राजाओं को ऋषियों व फ़क़ीरों से कमतर माना। इस प्रकार की व्यवस्था वाला
राष्ट्र दूसरों से सीखने के बजाए दुसरों को सीखाने के योग्य है । इस देश में
अदालतें, वकील और डॉक्टर भी
थे, लेकिन वे सब सीमा
में बँधे थे। सब जानते थे जी ये व्यवसाय विशेष रूप से उत्तम नहीं थे। इसके अलावा
ये वकील और वैध लोगों को लूटते नहीं थे। उन्हें लोगों पर आश्रित माना जाता था, न कि उनके स्वामी।
न्याय काफी हद तक निस्पक्ष था। सामान्य नियम अदालतों से बचने के लिए था। उनमें
लोगों को फ़साने वाले दलाल न थे। यह बुराई भी केवल मुख्य शहरों में या उनके आस पास
देखने में आती थी। आम आदमी स्वतंत्र रूप से रहते थे और अपना कृषि का व्यवसाय किया करते थे। वे सच्चे
स्वराज का आनंद उठाते थे।
9.
The Indian
civilization, as described by me, has been so described by its votaries. In no
part of the world, and under no civilization, have all men attained perfection.
The tendency of Indian civilization is to elevate the moral being, that of the
western civilization is to propagate immorality. The latter is godless; the
former is based on a belief in God. So understanding and so believing, it behooves
every lover of India to cling to the old Indian Civilization even as a child
clings to the mother’s breast.
जिस भारतीय सभ्यता का मेरे द्वारा वर्णन किया गया है,
ऐसा वर्णन इसके समर्थको ने भी किया है। दुनिया के किसी भी
हिस्से में और किसी भी सभ्यता में सभी लोगो ने कभी सम्पूर्णता प्राप्त नही की। भारतीय सभ्यता की प्रवृत्ति नैतिक स्तर को
ऊपर उठाने की है, जबकि पश्चिमी
सभ्यता की प्रवृत्ति अनैतिकता का प्रचार करने की है। बाद वाला ईश्वरविहीन है; पूर्व
वाला में ईश्वर में विश्वास रखता है। ऐसा समझकर और विश्वास करके , भारत के हर प्रेमी के लिए यह उचित है की वह भारतीय सभ्यता से ऐसे चिपटा रहे
जैसे बच्चा माँ की छाती से चिप जाता है।
10.
I am no
hater of the West. I am thankful to the West for many a thing I have learnt
from Western literature. But I am thankful to modern civilization for teaching
me that if I want India to rise to its fullest height, I must tell my countrymen
frankly that, after years and years of experience of modern civilization, I
have learnt one lesson from it and that is that we must shun it at all costs.
मुझे पश्चिम से
कोई नफरत नहीं है । पश्चिमी साहित्य से मैंने जो कुछ सीखा है, उसके
लिए मैं पश्चिम का शुक्रगुजार हूं। लेकिन मैं आधुनिक सभ्यता का शुक्रगुजार हूँ, ये सिखाने के लिए कि अगर मैं भारत को शिखर
तक पहुँचाना चाहता हूँ तो मुझे
अवश्य अपने देशवासियों से स्पष्ट कह देना चाहिए कि आधुनिक सभ्यता के अपने कई
वर्षों के अनुभव के बाद मैंने इससे एक ही सबक सीखा है और वह है कि हमें किसी भी
कीमत पर इसे दूर रखना चाहिए।
11.
What is that
modem civilization? It is the worship of the material, it is the worship of the
brute in us-- it is unadulterated materialism, and modern civilization is
nothing if it does not think at every step of the triumph of material
civilization.
आधुनिक सभ्यता
क्या है? यह संसाधन की पूजा
है। यह हमारे अन्दर के जानवर की पूजा है। यह पुर्णतः भौतिकवाद है, और आधुनिक सभ्यता
कुछ भी नहीं है यदि यह पग-पग पर भौतिक सभ्यता की जीत के बारे में विचार नहीं करती
है।
12.
It is
perhaps unnecessary, if not useless, to weigh the merits of the two
civilizations. It is likely that the West has evolved a civilization suited to
its climate and surroundings, and similarly, we have a civilization suited to
our conditions, and both are good in their own respective spheres.
शायद दोनों
सभ्यताओं के गुणों का परखना (तोलना) यदि बेकार नहीं तो अनावश्यक है। यह सम्भव है
कि पश्चिम ने सभ्यता का विकास अपनी जलवायु व वातावरण के अनुकूल किया, और हमारी सभ्यता
हमारी परिस्थितियों के अनुकूल है। और दोनों अपने-अपने क्षेत्र में अच्छे है।
13.
The
distinguishing characteristic of modem civilization is an indefinite
multiplicity of human wants. The characteristic of ancient civilization is an
imperative restriction upon, and a strict regulating of, these wants. The
modern or western insatiableness arises really from want of living faith in a
future state and therefore also in Divinity. The restraint of ancient or
Eastern civilization arises from a belief, often in spite of ourselves, in a
future state and the existence of a Divine Power.
आधुनिक सभ्यता का
एक विशिष्ट गुण है मनुष्य की इच्छाओं का अनन्त फैलाव। प्राचीन सभ्यता का गुण है इन
इच्छाओं को अनिवार्य रूप से सिमित करना और कठोरता से नियन्त्रित करना। वास्तव में
आधुनिक या पश्चिमी असंतुष्टी का कारण उनका भविष्य में और ईश्वर में सच्चे विश्वास
की कमी का कारण है। प्राचीन या पूर्वी सभ्यता का संयम भविष्य की परिस्थिति व ईश्वर
की शक्ति में विश्वास के कारण है।
14.
Some of the
immediate and brilliant results of modem inventions are too maddening to
resist. But I have no manner of doubt that the victory of man lies in that
resistance. We are in danger of bartering away the permanent good for a
momentary pleasure.
आधुनिक आविष्कारों
के कुछ तत्काल व शानदार परिणाम ऐसा पागल बनाने वाले हैं कि उनका विरोध करना असम्भव
है। लेकिन मुझे कोई भी सन्देह नहीं कि इन्सान की जीत उनका विरोध करने में है। हमें
खतरा है कि हम छन के आनंद के बदले सदा रहने वाले लाभ दे देंगे।
15.
Just as in
the West they have made wonderful discoveries in things material, similarly Hinduism
has made still more marvellous discoveries in things of religion, of the
spirit, of the soul.
जिस तरह पश्चिम ने
भौतिक चीजों में अद्भुत खोज की हैं, ठीक उसी प्रकार हिन्दू धर्म ने धर्म, आध्यात्मिक और अंतरात्मा
के क्षेत्र में अद्भुत खोज की है।
16.
But we have
no eye for these great and fine discoveries. We are dazzled by the material
progress that Western science has made. I am not enamoured of that progress. In
fact, it almost seems as though God in His wisdom has prevented India from progressing along those lines, so that it might fulfil its special
mission of resisting the onrush of materialism.
लेकिन इन महान और सुन्दर खोजों पर हमारी कोई नज़र नहीं है। श्चिमी विज्ञान ने जो भौतिक प्रगति की है, उससे
हम चकित हैं। मैं उस प्रगति से मोहित नहीं हूँ। वास्तव में, ऐसा
लगता है जैसे ईश्वर ने अपनी बुद्धि से भारत को उस दिशा में आगे बढ़ने से रोक दिया
है, ताकि वह भौतिकवाद के बढ़ते कदम का विरोध करने
के अपने विशेष मिशन को पूरा कर सके।
17.
After all,
there is something in Hinduism that has kept it alive up till now. It has witnessed
the fall of Babylonian, Syrian, Persian and Egyptian civilizations. Cast a look
around you. Where is Rome and where is Greece? Can you find today anywhere the
Italy of Gibbon, or rather the ancient Rome, for Rome was Italy?
आखिरकार,हिन्दू धर्म में
कोई बात तो है जिसने इसे अभी तक जीवित रखा। इसने बेबीलोन,
सीरिया, ईरान और मिस्र की सभ्यताओं का पतन देखा है। अपने चारों ओर एक नज़र डालो,
रोम कहाँ है और यूनान कहाँ है?
क्या आप आज कहीं भी गिब्बोन के इटली या प्राचीन
रोम जो इटली में हुआ करता था कहीं पे भी ठूंठ सकते हो?
18.
Go to
Greece. Where is the world-famous Attic civilization? Then coming to India, let
one go through the most ancient records and then look around you and yon would
be constrained to say, "yes, I see here ancient India still living".
यूनान जाओ। विश्व
प्रसिद्ध एटिक सभ्यता कहाँ है? फिर भारत आकर प्राचीन रिकॉर्ड का अध्ययन करो, और फिर अपने चारों
ओर देखो, और आप कहने पर
विवश हो जाओगे, "हाँ, मुझे प्राचीन भारत
अब भी जिन्दा दिखाई दे रहा है।"
19.
True, there were
dung-heaps, too, here and there, but there are rich treasures buried under
them. And the reason why it has survived is that the end which Hinduism set
before it was not development along material but spiritual lines.
यह सत्य है वहाँ
कहीं-कहीं गोबर के ढेर भी थे, परन्तु उनके नीचे कीमती खजाने दबे पड़े हैं। और यह क्यों
जीवित रहा, इसका कारण यह है कि हिन्दू धर्म ने अपने सामने भौतिक ढंग से विकास का नहीं
बल्कि आध्यात्मिक ढंग से विकास का सिधांत रखा था।
20.
Our
civilization, our culture, our Swaraj depends not upon multiplying our wants-self-indulgence,
but upon restricting wants-self denial.
हमारी सभ्यता, हमारी संस्कृति, हमारा स्वराज्य, हमारी इच्छा-भोग
वृद्धि पे नहीं बल्कि इच्छा-भोग को सिमित करने पर टिकी हुई है।
21.
European
civilization is, no doubt, suited for the Europeans but it will mean ruin for
India if we endeavor to copy it. This is not to say that we may not adopt and
assimilate whatever may be good and capable of assimilation by us, as it does
not also mean that even the Europeans will not have to part with whatever evil
might have crept into it.
निस्संदेह, यूरोपीय सभ्यता
यूरोप के लोगों के लिए अनुकूल है, लेकिन अगर हम इसकी नकल करने की कोशिश करेंगे तो यह भारत के
लिए विनाशकारी होगा। इसका मतलब यह नहीं है कि जितना कुछ हमलोगों के लिए अच्छा है
उसे हम न अपनाएँ या स्वीकार न करें । इसका मतलब यह भी नहीं है कि जो बुराइयाँ यूरोपी
के लोगों में घुस आई है, यूरोप के लोग उसका त्याग न करे ।
22.
The
incessant search for material comforts and their multiplication is such an evil
and I make bold to say that the Europeans themselves will have to remodel their
outlook, if they are not to perish under the weight of the comforts to which
they are becoming slaves. It may be that my reading is wrong, but I know that
for India to run after the Golden Fleece is to court certain death. Let us
engrave on our hearts the motto of a Western philosopher: "Plain living
and high thinking". Today it is certain that the millions cannot have high
living and we the few, who profess to do the thinking for the masses, run the
risk, in a vain search after high living, of missing high thinking.
भौतिक
सुख-सुविधाओं की निरंतर खोज और उनकी वृद्धि एक ऐसी बुराई है कि मैं साहस से कह
सकता हूँ कि स्वयं यूरोप के लोगों को अपने दृष्टिकोण को बदलना होगा, अगर वे इन सुखों
के जिनके वे गुलाम बनते जा रहे हैं, उनके बोझ के नीचे नाश नहीं होना चाहते है
। हो सकता है कि मैंने गलत पढ़ा हो, लेकिन मैं जानता हूँ कि 'सुनहरी ऊन' प्राप्त करने की
होड़ भारत के लिए निश्चित ही मृत्यु को निमन्त्रण देने के समान होगी। आइए हम अपने
दिलों पर पश्चिमी दार्शनिक का आदर्श वाक्य अंकित कर लें, “सादा जीवन और उच्च
विचार।” यदि वे उन
सुख-सुविधाओं के बोझ के नीचे नष्ट नहीं होते हैं,
जिनके वे गुलाम बन
रहे हैं। आज यह निश्चित है कि लाखों लोगों के पास उच्च जीवन नहीं हो सकता है और हम
कुछ, जो जनता के लिए सोचने का दावा करते हैं, उच्च जीवन की व्यर्थ खोज में,
उच्च सोच को खोने
का जोखिम उठाते हैं।
23.
Civilization,
in the real sense of the term, consists not in the multiplication, but in the
deliberate and voluntary restriction of wants. This alone increases and promotes
contentment, real happiness and capacity for service.
सभ्यता का
वास्तविक अर्थ इच्छाओं को बढ़ाना नहीं है बल्कि योजनानुसार अपनी इच्छा से अपनी
जरूरतों को कम करना है। यह अकेले संतोष, वास्तविक खुशी और सेवा की क्षमता को बढ़ाव
देता है ।
24.
A certain
degree of physical harmony and comfort is necessary but above a certain level
it becomes a hindrance instead of help. Therefore, the ideal of creating an
unlimited number of wants and satisfying them seems to be a delusion and a
snare. The satisfaction of one's physical needs, even the intellectual needs of
one's narrow self, must meet at a certain point a dead stop, before it
degenerates into physical and intellectual voluptuousness. A man must arrange
his physical and cultural circumstances so that they do not hinder him in his
service of humanity on which all his energies should be concentrated.
कुछ हद तक शारीरिक
सामंजस्य और आराम आवश्यक है लेकिन कुछ हद के बाद यह मदद के बजाय एक बाधा बन जाती
है। इसलिए असीमित संख्या में इच्छाएं पैदा करना और उनकी पूर्ति करना एक भ्रम और
जाल जैसा लगता है। भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति करना, बल्कि अपनी संकीर्ण व्यक्तिगत बौद्धिक
इच्छाओं को पूरा करने का भी एक बिन्दु पर, इससे पहले कि वे भौतिक और बौद्धिक
विलासिता बन जाएँ, अन्त होना चाहिए। किसी व्यक्ति को अपनी भौतिक व सांस्कृतिक
परिस्थितियों को इस पर व्यवस्थित करना चाहिए ताकि वे मानवता की सेवा में बाधा न
बनें, जिस पर उसे अपनी
समस्त शक्ति को केन्द्रित करना चाहिए।
Short Summary
This essay “Indian Civilization
and Culture” is written by Mahatma Gandhi who is known as father of nation. In
this essay, Mahatma Gandhi has highlighted the salient features of Indian
Civilization and Culture. He says that the foundation of Indian civilization is
far better than the Western civilization and our civilization cannot be beaten
in the world because we are following the path that our ancestors made for us.
There is a charge against us by Western people that we are
ignorant and stolid but Gandhi Jee says this charge is against our merit. We
can also do everything but our civilization does not give us permission to do
so.
Gandhi Jee says that our ancestors preferred
villages to cities because they knew cities are full of vices, crimes, robbers
and thieves but in villages people live in peace. Gandhi Jee says that mind is
a restless bird the more it gets the more it wants and remains unsatisfied. So
we should not indulge in our passions.
Objective Type Questions
1.
Simple
living and high thinking is the base of ……..
a) Iranian Civilization b)
Indian Civilization
c) European Civilization d)
Pakistani Civilization Ans-B
2.
Gandhi Ji
was born in……………………
a) 1880 b)1869
c)1948 d)1865 Ans-B
3.
Indian
Civilization and Culture is written by……………
a)Dr Zakir Hussain b)Gandhi
ji
c)Martin Luther King d)H
E Bates Ans-B
4.
The
autobiography of Gandhiji is……………
a)The truth and non-violence b)My
experiment with truth
c)Gandhiji d)Discovery
of India Ans-B
5.
Mahatma
Gandhi used………..and……….as a chief weapons against British.
a)truth, non-violence b)Danda
and khadi
c)gun, knife d)None
of these Ans-A
6.
Nothing can
equal the………sown by our ancestors.
a)believe b)culture
c)civilization d)seed Ans-D
7.
Civilization
is that mode of conduct which points out to man the…………
a)moral b)path
of duty
c)good man d)bad
man Ans-B
8.
The Gujarati
equivalent for civilization means………….
a)good person b)good character
c)good conduct d)good
habit Ans-C
9.
Our
ancestors enjoyed……………..rule.
a)noble b)city
c)fine d)
home Ans-D
10.
With which
one of the following journal was Mahatma Gandhi associated?
a)young India b)Indian
Mirror
c)New India d)None
of these Ans-A
11.
The charge
against India is that………………
a)her people are uncivilized b)her people are ignorant
c)her people are stolid d)all Ans-D
12.
Sacrifice is
the sole aim of our………………
a)farmers b)politicians
c)scientists d)Rishis Ans-D
13.
Pharaohs
were rulers of Ancient…………
a) Egypt b)
Russia
c) India d)Nepal Ans-A
14.
………………. Were
rulers of Egypt.
a)Sultan b)Czars
c)Pharaohs d)Nepal Ans-C
15.
Indian
civilization and culture is……………
a)an essay b)story
c)speech d)drama Ans-A
16.
Gibbon is
associated with…………….
a)Italy b)Greece
c)Germany d)India Ans-A
17.
Civilization
is the state of development of a ……………….
a)People b)Animal
c)Bird d)insects
Ans-A
18.
Our
forefathers did not invent machinery because…………..
a)These have made up pride b)These
would have made us lazy
c)These would have made us smart. D)none
of these Ans-B
19.
Indian glory
is that it is………………..
a) Movable b)Immovable
c)ignorant d)forgettable
Ans-B
20.
……………….is
known as the father of the nation or Bapu.
a)Mahatma Gandhi b)Sardal
Patel
c)Jawahar Lal Nehru d)Dr. Zakir Hussain Ans-A
21.
…………….was a
spiritual leader than a politician.
a)S.C. Bose b)Mahatma
Gandhi
c) Nehru d)Dr.
Zakir Hussain Ans-B
22.
“My
experiments with truth” was written by ……………..
a) Abul Kalam Azad b)Sardal
Patel
c) Mahatma Gandhi D)Dr.
Zakir Hussain Ans-C
23.
The people
of Europe learn their lessons from the writings of the man of …….
a) Britain b)Germany
c)India d)Greece
or Rome Ans-D
24.
The mind is
a restless ………… the more it gets the more it wants.
a)Dog b)Bird
c)Cow d)dog Ans-B
25.
I am no
hater of the………….
a) North b)South
c)West d)East Ans-C
26.
The world
famous Attic civilization is in……………..
a)Greece b)Italy
c)Spain d)Germany Ans-A
27.
Gandhi
dominated Indian politics during……………..
a)1869-1948 b)1919-1948
c)1915-1948 d)1910-1948 Ans-C
28.
“Plain
living and high thinking” is the motto of a………………
a)Western Philosopher b)
American Philosopher
c) Northern Philosopher d)Pakistani
Philosopher Ans-A
29.
The values
of ……………… are glittering even today.
a)Indian civilization b)Roman civilization
c)Greek civilization d)African Civilization Ans-A
30.
…………….were
satisfied with small villages.
a)Romans b)Germans
c)Our ancestors d)Western Ans-C
31.
Indian
civilization elevates the………….
a)Foundation b)spiritual
c)moral being d)manmade
Ans-C
32.
……………led
nomadic life.
a)man b)dog
c)lion d)horse Ans-A
33.
………………prefers
spiritualism to materialism.
a)Zakir Hussain b)Gandhi
Ji
c)R. Prasad d)Nehru Ans-B
34.
Modern
civilization is mainly the worship of ………………
a)Idols b)material
c)arts d)None
of these Ans-B
35.
Gandhijoi
went to champaran in ………..
a)1917 b)1916
c)1918 d)1920 Ans-A
36.
The people
of Europe inspired by ……………and Roman writers.
a)Greek b)Indian
c)British d)African Ans-A
37.
Wealth and
luxuries do not make a ………………happy.
a)dog b)man
c)bird d)horse Ans-B
38.
The western
civilization has the tendency to privilege.
a) Paternity b)
Morality
c)Materiality d)None
of these Ans-C
39.
European
civilizationnwill mean…….for India.
a)want b)real
c)ruin d)bad Ans-C
Short Answer Type Questions
1.
Why
does Gandhi Ji say that “mind is a restless bird”? What makes mind restless?
Ans. Gandhiji says that needs of mind are
unending and indulgence of mind in our passions makes it restless.
2.
How
did our ancestors enjoy true Home Rule?
Ans. They disliked courts and lawyers. They
settled their disputes without going to courts. In that way they enjoyed true
Home Rule.
3.
What
is civilization in the real sense of the term?
Ans. Civilization, in the real sense of the term is the deliberate and
voluntary restriction of wants. This alone increases and promotes contentment,
real happiness and capacity for service.
4.
What do you know about Gandhiji?
Ans. I know Gandhiji as Bapu and as Mahatma. He is called Bapu because he was
the father of nation. He is called Mahatma because he was a great soul or
saint.
5.
How
did our ancestors view large cities? Why were they satisfied with small
villages?
Ans. They viewed large cities as snares and
useless encumbrances, having gangs of thieves, robbers and prostitutes. Their
village fulfilled all their needs. So they were satisfied with small villages.
6.
What
is the distinguishing characteristic of modern civilization?
Ans. The distinguishing characteristic of modern
civilization is an indefinite multiplicity of human wants.
7.
Why
did our ancestors dissuade us from luxuries and pleasures? Did they do right
thing?
Ans. Our ancestors knew that possessions don’t contribute to happiness. The
rich were worried about finding means of increasing their material wealth. On
the other hand, the poor were contented and happy. That why, our ancestors
dissuade us from luxuries and pleasures. And they were right in doing so.
8.
What, according to author is modern civilization?
Ans. According to Gandhiji modern civilization is the worship of materialism
and violence and brutality.
Explanations
1.
“Civilization
is that mode which points out to man
the path of Duty.”
Ans. The given stanza has been taken from “Indian Civilization and Culture”
which is written by Mahatma Gandhi. He was born in 1869. He is known as father
of Nation.
Gandhiji defines Civilization that it is the mode of conduct that points
out to man the path of Duty. So one can realize of one's duty to perform.
2.
“I
believe that the civilization India has
evolved is not to be beaten in the world . Nothing can equal the seed sown by
our ancestors.”
Ans. The given stanza has been taken from “Indian Civilization and Culture”
which is written by Mahatma Gandhi. He was born in 1869. He is known as father
of Nation.
Gandhiji explains that India civilization is unbeatable when compared to the
othercivilizations of the world. Moral values taught by our ancestors is the
base of our civilization and cannot be equated.
3.
“Observing all this our ancestors dissuaded us from
luxuries and pleasures.”
Ans. The given stanza has been taken from
“Indian Civilization and Culture” which is written by Mahatma Gandhi. He was
born in 1869. He is known as father of Nation.
Our ancestors knew that luxuries and pleasures gave momentary satisfaction.
Fresh cravings and desires developed immediately after the accomplishment of
some wants and cycle went on making man its slave.