1.
गद्य कविता क्या है ? इसकी क्या विशेषताएँ हैं ? इस कविता को
देखते - परखते हुए बताएँ ।
उत्तर - छोटी गद्य कविताएँ हिन्दी में नई ही हैं ,
इनका विशिष्ट रूप और आकार - प्रकार समसामयिक अनुभव की धरती से सामग्री उठाकर
बोलचाल , बातचीत और सामान्य मन : चिंतन के रूप में सामने आने वाला तथ्य रहता है ।
यहाँ युक्तियाँ भी हो सकती हैं और तर्क भी आ सकता है , यह कविता पेचीदगी भरी भी हो
सकती है और चौरस भी ।
2.
अगर हम में वाकशक्ति न होती तो क्या होता ?
उत्तर- अगर हममें वाकशक्ति न होती तो यह समस्त
सृष्टि गूंगी प्रतीत होती | सभी लोग चुपचाप बैठे रहते और हम जो बोलकर एक दूसरे के
सुख - दुख का अनुभव करते हैं वह शक्ति न होने के कारण एक दूसरे से कह - सुन भी
नहीं पाते और नहीं अनुभव कर पाते|
3.
'आर्ट ऑफ कन्वर्सेशन' क्या है ?
उत्तर- आर्ट ऑफ कन्वर्सेशन बातचीत करने की एक कला है
जो यूरोप के लोगों में ज्यादा प्रचलित है । इस बातचीत कला में ऐसी चतुराई के साथ
प्रसंग छोड़े जाते हैं कि जिन्हें सुनकर कान को अत्यंत सुख मिलता है | साथ ही इस
का अन्य नाम शुद्ध कोष्टि है ।
4.
जयप्रकाश नारायण कम्युनिस्ट पार्टी में क्यों नहीं शामिल हुए
?
उत्तर - जयप्रकाश ने लौटने पर सोचा था कि जो देश
गुलाम हैं वहाँ के कम्युनिस्टों को हरगिज वहाँ की आजादी की लड़ाई से अपने को अलग
नहीं रखना चाहिए । क्योंकि लड़ाई के नेतृत्व ' बुर्जुआ क्लास ' के हाथ में रहता है
, पूँजीपतियों के हाथ में होता है । अत : कम्युनिस्टों को अलग नहीं रहना चाहिए ।
जे . पी . स्वतन्त्रता के दीवाने थे , वे आजादी चाहते थे , उनकी उस समय आजादी के
लिये संघर्ष काँग्रेस ही कर रही थी अत : उन्होंने उसके साथ स्वतन्त्रता संग्राम
लड़ना प्रारम्भ कर दिया ।
5.
भ्रष्टाचार की जड़ क्या है ? क्या आप जे.पी. से सहमत हैं ?
इनके गुणगान हेतु क्या सुझाव देंगे ?
उत्तर - इसका मूल था सरकारी नीतियाँ ही उत्तरदायी हैं
। इसके कारण ही भूख है , महँगाई है , रिश्वतखोरी है और यह भ्रष्टाचार पनपता जा रहा
है । बिना रिश्वत के कोई काम चलता ही नहीं । सरकारी दफ्तर , बैंक अर्थात् प्रत्येक
स्थल पर यह पसरा हुआ है और विकराल रूप से पसरा हुआ है , हर प्रकार के अन्याय के
नीचे जनता दब रही है । शिक्षण संस्थाएँ तक भ्रष्ट हो गयी हैं फिर बचा ही क्या है ?
युवा वर्ग हमारा अन्धकार में भटक रहा है व ऐसा कोई स्थान नहीं है जहाँ भ्रष्टाचार
न पसरा हो । फिर उसकी जड़ें कहाँ खोजी जायें कहाँ तक नहीं हैं उसकी जड़ें ? गाँव
में , सड़क पर , रेल मीटर में , खेत - खलियान में , अस्पताल में और पुलिस विभाग
में तो उसकी जड़ों का जाल बिछा हुआ है ।
6.
जयप्रकाश के पत्नी का नाम क्या था और वह किसकी पुत्री थी?
उत्तर- जयप्रकाश के पत्नी का नाम प्रभावती देवी था जो प्रसिद्ध गांधीवादी
बज्रकिशोर की पुत्री थी |
7.
पुरुषों में नारी का गुण क्यों होना चाहिये ?
उत्तर - अर्धनारीश्वर की कल्पना में यही बात स्पष्ट
की गयी है कि नर - नारी पूर्ण रूप से समान हैं । उनमें से एक के गुण दूसरे के दोष
नहीं हो सकते , अर्थात् पुरुषों में नारियों के गुण आ जाते हैं तो इसमें उनकी
मर्यादा हीनता नहीं होती उनकी पूर्णता में वृद्धि होती है । ममता , माया , दया ,
सहिष्णुता सेवाभाव आदि नारी के गुण हैं । यदि ये सारे गुण पुरुष में आ जायें तो
उसका साहस , शक्ति , पराक्रम इन गुणों की छाया से अत्यधिक निखर उठेगा ।
8.
पुरुष जब नारी के गुण लेता है तब क्या बन जाता है?
उत्तर - जब पुरुष नारी के गुण लेता है तब वह देवता बन
जाता है । इसके विपरीत जब नारी नर के गुण सीखती है तन राक्षसी हो जाती है ।
9.
गैंग्रीन क्या है ?
उत्तर - कोई भी चोट या घाव ऐसा रूप धारण कर लेती है
जिसका सामान्य इलाज सम्भव नहीं हो पाता है वह गैंग्रीन कहलाता है । आमतौर से इसको
गलाव बोलते हैं , अर्थात् घाव बजाय ठीक होने के गलने लगता है , बढ़ने लगता है । उस
समय उस अंग को काट देना ही एकमात्र मार्ग रह जाता है ।
10. विद्यार्थियों को राजनीति में
भाग क्यों लेना चाहिए ?
उत्तर-विद्यार्थियों को राजनीति में भाग किसी ले
लेना चाहिए| क्योंकि उन्हें कल देश की बागडोर अपने हाथ में लेनी है| अगर भी आज से ही
राजनीतिक में भाग नहीं लेंगे तो आने वाले समय में देश की भली भांति नहीं संभाल
पाएंगे जिससे देश का विकास ना हो सकेगा|
11. भगतसिंह ने अपनी फाँसी के लिए
किस समय की इच्छा व्यक्त की है ? वे ऐसा समय क्यों चुनते हैं ?
उत्तर - भगत सिंह ने अपनी फांसी के लिए इच्छा व्यक्त
करते हुए कहा कि जब यह आंदोलन अपने चरम सीमा पर पहुंचे तो हमें फांसी दे दी जाए|
वह ऐसा समय इसलिए चुनते हैं क्योंकि वह नहीं चाहते कि यदि कोई सम्मान पूर्णिया
उचित समझौता होना हो तो उन जैसे व्यक्तियों का मामला उनमें कोई रुकावट उत्पन्न
करें|
12. चम्पारण में शिक्षा की व्यवस्था
के लिए गाँधी जी ने क्या किया?
उत्तर- चंपारण में शिक्षा की व्यवस्था के लिए
गांधीजी ने अनेकों काम किए| उनका विचार था कि ग्रामीण बच्चों की शिक्षा की
व्यवस्था किए बिना केवल आर्थिक समस्याओं को सुलझाने से काम नहीं चलेगा| इसके लिए
उन्होंने तीन गांव में आश्रम विद्यालय स्थापित किया ये है बरहरवा मधुवन और
भितिहारवा।
13. बिशनी
और मुन्नी को किसका प्रतीक्षा है, वे डाकिया
की राह क्यों दिखती है?
उत्तर- बिशनी और मुन्नी को अपने घर के इकलौते
बेटे मानक की प्रतीक्षा है| उसकी चिट्ठी आने के इंतजार में डाकिए की राह दिखती है|
14. एकांकी और नाटक में क्या अंतर
है?
उत्तर - एकांकी में एक ही अंक होते हैं और उस एक अंक
में एक से अधिक दृश्य होते हैं| जबकि नाटक में एक से अधिक अंक एक्ट होते हैं और
प्रत्येक अंक कई दृश्यों में विभाजित होकर प्रस्तुत होता है|
15. मानक और सिपाही एक-दूसरे को
क्यों मारना चाहते हैं?
उत्तर- मानक बर्मा में अंग्रेजों की ओर से लड़ रहा
था , दूसरा पक्ष जापानी था । दोनों ही एक - दूसरे के शत्रु थे क्योंकि फौजी अपने -
अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रहे थे । मानक और सिपाही भी परास्त शत्रु ही थे ।
उनकी सेनाएँ अलग - अलग थीं यही कारण था कि वे एक - दूसरे को मारना चाहते थे।
16. ‘कला-कला के लिये’ सिद्धान्त क्या है?
उत्तर – कला-कला के लिए सिद्धांत का अर्थ है कि कला लोगों
में कलात्मक का भाव उत्पन्न करने के लिए है| इसके द्वारा रस एवं माधुर्य की अनुभूति होती
है| इसलिए प्रगीत मुक्तको की रचना का प्रचलन बढ़ा है|
17. डायरी क्या है?
उत्तर- डायरी किसी साहित्यकार या व्यक्ति द्वारा
लिखित के महत्वपूर्ण दैनिक अनुभवों का ब्योरा है जिसे वह बड़ी ही सच्चाई के साथ
लिखता है| डायरी से जहां हमें लेखक के समय की उथल-पुथल का पता चलता है तो वहीं
उसकी निजी जीवन की कठिनाइयों का भी पता चलता है
18. लेखक के अनुसार सुरक्षा कहाँ
है? वह डायरी को किस रूप में देखना चाहता है?
उत्तर- सुरक्षा डायरी में नहीं है , वहाँ मात्र
पलायन और पलायन कभी भी सुरक्षा का आधार नहीं बन सकता । सुरक्षा अंधेरे में नहीं
मिलती , वहाँ दुबका जा सकता है । छुपा जा सकता है । जहाँ आपका दिल बराबर धड़कता
रहे , धुक - धुकी चाल रहेगी । यदि सुरक्षा पानी है , मैदान में कई आदमी समाज के
खुले प्रकाश में आइये और असुरक्षा से भिड़ जाइये । संघर्ष पर डट जाइये । सुरक्षा
पलायन में नहीं संघर्ष में है , चुनौती स्वीकार करके मुकाबला करने में है अपने को
झोंक देने में है बचकर खड़े रहने में भी नहीं है । डायरी लेखन किस प्रकार सुरक्षित
हो सकता है , वहाँ हम भोगा हुआ यथार्थ लिख देते हैं । क्यों किया ? क्या किया ?
इसका वहाँ उल्लेख नहीं होता । कर्त्तव्य और अकर्त्तव्य का निर्णय भी नहीं होता ।
वहाँ लाइनें लिखी और छुट्टी पाली । यह पलायन है कायरता है और यह व्यक्ति के लिए एक
सुखद स्थिति नहीं है । यहाँ मात्र एक प्रकार का आवरण डालना है अपनी कमजोरियों पर
अपनी गलतियों पर अत : डायरी लेखन अपने को बचाने का सिद्धान्त मात्र है ।
19. तिरिछ क्या है ? कहानी में यह
किसका प्रतीक है ?
उत्तर - यह छिपकली प्रजाति का एक विष भरा लिजार्ड है
, यह विषखापर भी कहलाता है । इसके साथ रूढ़ियाँ भी चिपकी हैं । कहानी में यह
रूढ़ियों का प्रतीक तो है ही साथ ही यह आतंक का भी प्रतीक है । लेखक इससे भय खाता
है और उसका दंश पिताजी की मृत्यु का कारण बन जाता है ।
20. शिक्षा का क्या अर्थ है एवं इसके
क्या कार्य हैं ? स्पष्ट करें ।
उत्तर - शिक्षा जीवन सत्य से परिचित कराती है । साथ
ही समस्त जीवन प्रक्रिया को समझने में हमारी सहायता करती है । हमारा जीवन अद्भुत
है यहाँ पक्षी , फूल , वृक्ष , आकाश , तारे सभी जीवन हैं । जीवन के कई रूप हैं । यह अमीर भी है , गरीब भी है। ईर्ष्या , महत्वाकांक्षा , वासनाएँ , भय ,
सफलताएँ तथा चिन्ताएँ सब जीवन के ही अंग हैं । हम जीवन से भय खाते हैं चिन्तित भी
रहते हैं । इन सब स्थितियों का निराकरण शिक्षा द्वारा ही सम्भव है।। शिक्षा ही
समाज के ढाँचे के अनुकूल बनाने में आपकी सहायता करती है । यह व्यक्ति को स्वतन्त्र
बना देती है । सामाजिक समस्याओं का निराकरण भी शिक्षा का ही कार्य है ।
21.
कवि ने अपनी एक आंख की तुलना दर्पण से क्यों की
है?
उत्तर-
कवि ने अपनी एक
आंख की तुलना दर्पण से इसीलिए की है क्योंकि दर्पण स्वच्छ व निर्मल होता है, उनमें
मनुष्य की वैसा ही प्रतिछाया दिखती है जैसा वह वास्तव में होता है| कवि खुद को
दर्पण के समान स्वच्छ व निर्मल मानता है| उनके हृदय में जरा सा भी दिखावा नहीं है|
उनके इन निर्मल भाव के कारण ही बड़े-बड़े रूपवान लोग उनके चरण पकड़ कर लालसा के
साथ उनके मुंह की ओर निहारते हैं|
22. शिवाजी की तुलना भूषण ने किन-किन से
क्या है?
उत्तर- भूषण ने शिवाजी की तुलना सर्वप्रथम इन्द्र से
की है , फिर बड़वाग्नि(समुन्दर की आग से) से की है, रघुकुल राजा राम तथा पवन और शिव से भी की है ।
साथ ही उन्हें परशुराम के समान भी बताया गया है । जंगल की आग, चीता , मृगराज , तेज
प्रकाश और कृष्ण से भी उनकी तुलना की गयी है ।
23. छत्रसाल की तलवार कैसी है ? वर्णन
कीजिए ।
उत्तर- प्रस्तुत कविता में महाराजा छात्रसाल की
तलवार सूर्य की किरणों के समान प्रखर और प्रचंड है| उनकी तलवार की भयंकरता से
शत्रु दल थर्रा उठते हैं| उनकी तलवार युद्ध भूमि में प्रलयकारी सूर्य की किरणों की
तरह म्यान से निकलती है| वह विशाल हाथियों के झुंड को क्षण भर में काट काट कर
समाप्त कर देती है| छात्रसाल की तलवार ऐसी नागिन की तरह है जो शत्रु के गले में
लिपट जाते हैं और मुंडू की भीड़ लगा देती है|
24. कविता में उषा की किस भूमिका का
उल्लेख है ?
उत्तर - छायावादी कवि जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित
‘तुमुल कोलाहल कलह में’ शीर्षक कविता में उषा काल की एक महत्वपूर्ण भूमिका का
उल्लेख किया है| उषाकाल अंधकार का नाश करता है| उषाकाल के पूर्व संपूर्ण विश्व
अंधकार में डूबा रहता है| उषाकाल होते ही सूर्य की रोशनी अंधकाररूपी जगत में आने
लगती है| सारा विश्व प्रकाशमय हो जाता है|
सभी जीव जंतु अपनी गतिविधियां शुरू कर देती है| जगत में एक आशा एवं विश्वास का
वातावरण प्रस्तुत हो जाता है|
25.
कवयित्री स्वयं को असहाय और विवश क्यों कहती हैं?
उत्तर- कवयित्री स्वयं को असहाय
तथा विवश इसलिए कहती है कि उसने अपने बेटे की देखभाल तथा उसके लालन-पालन पर अपना
पूरा ध्यान केंद्रित किया| अपनी सुविधा और असुविधा का कभी विचार नहीं किया| बेटे
को ठंढ ना लग जाए बीमार न पड़ जाए इसलिए सदैव उसे गोदी में रखा| इस सारी सुविधाओं
तथा मंदिर में पूजा अर्चना से मां अपने बेटे की असमय मृत्यु नहीं टाल सकी| अतः वह
खुद को असहाय और बेबस माँ कहती है|
26.
उषा का जादू कैसा है?
उत्तर- उषा का रूप-रंग मादक है , उसका आगमन और भी अधिक मद
भरा है , चारों ओर हलचल मचा देता है । उसका प्रभाव भी विलक्षण है । उसके जादू का
ही यह प्रभाव है कि आकाश नील शंख के समान दिखायी देता है । कभी वही आकाश ऐसा
दिखायी देता है - मानो राख से लीपा हुआ गीला चौका हो , अथवा लाल केसर के जल से
धुली कोई काली सिल हो अथवा किसी स्लेट पर लाल खड़िया पोत दी गयी हो । यह उषा का ही
प्रभाव है कि वह अपना जादू बड़े प्रभावी ढंग से बिखेर देती है और यह वह सब
सूर्योदय से पूर्व ही करती है ।
27. 'जन-जन का चेहरा एक' , से कवि का
क्या तात्पर्य है?
उत्तर- ‘जन जन का चेहरा एक’ कविता में कवि ने कहा
है कि एशिया, यूरोप, अमेरिका अथवा कोई भी अन्य महादेव या प्रदेश में निवास करने वाले समस्त
प्राणियों के शोषण तथा उत्पीड़न के प्रतिकार का स्वरूप एक जैसा है| उसमें एक अदृश्य
एवं अप्रत्यक्ष एकता है| उनकी भाषा, संस्कृति एवं जीवन शैली भिन्न हो सकती है
लेकिन उन सभी के चेहरे में कोई अंतर नहीं दिखता अर्थात उनके चेहरे पर हर्ष एवं
विषाद, आशा तथा निराशा की प्रतिक्रिया एक जैसी होती है|
28.
हरचरना कौन है ? उसकी क्या पहचान है ?
उत्तर - कविता ' अधिनायक ' में हरचरना एक आम आदमी है
जिसकी स्थिति स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद बड़ी दयनीय हो गयी है । वह फटा सुथन पहने
राष्ट्रीय गान गा रहा है । उसकी इस दुरावस्था का उत्तरदायी वही अधिनायक है जिसने
ऐसी स्थितियाँ उत्पन्न कर दी हैं कि आज हरचरना जैसा आम आदमी फटे हाल है , उसकी
क्या स्थिति हो सकती है यह अनुमान का ही विषय है ।
29.
अधिनायक कौन है ? उसकी क्या पहचान है ?
उत्तर - यह अधिनायक सत्ताधारी वर्ग को माना गया है ।
उसकी पहचान भी बतायी गयी है - वह मखमल पहनता है , पगड़ी छत्र धारण करता है , उसके
सिर पर चंवर डुलाया जाता है , वह तोप छुड़वाकर , ढोल बजवाकर अपनी जय - जयकार कराता
है और निरीह जन को करना ही पड़ता है यह बात भी सही है , उसके कारण ही आज जनता की
यह हालत हो गयी है , फिर भी वह उसका सम्मान करेगी ही , वह विवश है ।
30. लोहा क्या है ? इसकी खोज क्यों की
जा रही है ?
उत्तर - लोहा कर्म का प्रतीक है , यही कारण है , यह
वहीं है जहाँ आदमी मेहनत करता है , निर्माण करता है । गरीब मजदूर , शोषित के जीवन
के आधार हैं , उसका हथियार है । इसकी खोज का आधार है व्यक्ति कर्म में लगा रहे ।
शोषित भी pलोहा प्रयोग करता है , शोषक भी उसका प्रयोग करता है । कुल मिलाकर हर आदमी
जो मेहनतकश है वह स्वयं लोहा है और हर औरत जो दबी - सतायी है वह भी लोहा है ।