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Harappa Sabhyata short question answer in Hindi

 

    1.    हड़प्पावासियों द्वारा सिंचाई के लिए प्रयोग में लाये जाने वाले साधनों के नामों का उल्लेख कीजिए ।
उत्तर- हड़प्पावासियों द्वारा मुख्यतः नहरें, कुएं और जल संग्रह करने वाले स्थानों को सिंचाई के रूप में प्रयोग में लाया जाता था ।
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i ) अफगानिस्तान में सौतुगई नामक स्थल से हड़प्पाई नहरों के चिह्न प्राप्त हुए हैं ।
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iii ) गुजरात के धोलावीरा नामक स्थान से पानी की बावली ( तालाब ) मिला है । इसे कृषि की सिंचाई के लिए पानी देने लिए जल संग्रह के लिए प्रयोग किया जाता था ।

    2.    हड़प्या संस्कृत को कांस्य युग सभ्यता क्यों कहते हैं ?
उत्तर-
हड़प्पा के लोगों को ताँबे में टिन मिलाकर काँसा बनाने की विधि आती थी । काँसे की सहायता से ही हड़प्पा के लोग उन्नति के शिखर पर पहुँच सके । उन्होंने एक नगरीय सभ्यता का विकास किया । अत : हड़प्पा संस्कृति को कांस्य युग सभ्यता कहते हैं ।

    3.    अन्य सभ्यताओं की अपेक्षा सिन्धु घाटी की सभ्यता के विषय में हमारी जानकारी कम क्यों है ?
उत्तर-
अन्य सभ्यताओं की अपेक्षा सिन्धु घाटी की सभ्यता के विषय में हमारी जानकारी कम इसलिए है क्योंकि उस काल की लिपि आज तक पढ़ी नहीं जा सकी है । केवल पुरातात्त्विक अवशेषों का अध्ययन करते हुए अनुमान के आधार पर ही सिन्धु घाटी सभ्यता के विषय में ( सभ्यता का समय व विकास आदि का ) ज्ञान प्राप्त कर पाए हैं जबकि अन्य सभ्यताओं के सम्बन्ध में जानकारी का मुख्य आधार उनकी लिपि का पढ़ा जाना है ।

    4.    हड़प्पा सभ्यता के विस्तार की विवेचना करें
उत्तर- हड़प्पा सभ्यता प्राचीन सभी सभ्यताओं में विशालतम थी
यह उत्तर में कश्मीर से लेकर दक्षिण में नर्मदा घाटी तक तथा पश्चिम में बलूचिस्तान मकरान तट से लेकर पूर्व आलमगीरपुर (उत्तर प्रदेश) तक फैली हुई थी कुल मिलाकर यह सभ्यता पूरब से पश्चिम 1600 किलोमीटर तथा उत्तर से दक्षिण 1200 किलोमीटर तक विस्तृत थी

    5.    कार्बन-14 विधि से आप क्या समझते है?
उत्तर-
तिथि निर्धारण की वैज्ञानिक विधि को कार्बन-14 विधि कहा जाता है | इस विधि के अनुसार किसी भी जीवित वस्तु में C-12 एवं C-14 समास मात्रा में पाया जाता है मृत्यु अथवा विनाश की अवस्था में कार्बन-12 तो स्थिर रहता है मगर कार्बन-14 का निरंतर क्षय होने लगता है | जिस पदार्थ में कार्बन-14 की मात्रा जितनी कम होगी वह उतना ही प्राचीनतम माना जाता है | पदार्थों में कार्बन-14 के क्षय की प्रक्रिया को रेडियोधर्मिता कहा जाता है | इस विधि की खोज अमेरिका के प्रख्यात रसायनशास्त्री बी. एफ. लिवि द्वारा सन 1946 में की गई थी |

    6.    हड़प्पा सभ्यता के पतन के मुख्य कारण क्या थे?
उत्तर- हड़प्पा सभ्यता के पतन को लेकर विभिन विद्वान एकमत नहीं है | बी. बी. लाल का यह कथन काफी उपयुक्त प्रतीत होता है कि जलवायु परिवर्तन, प्रदूषित वातावरण तथा व्यापार में आयी भारी गिरावट के फलस्वरूप हड़प्पा सभ्यता की समृद्धि समाप्त हो गई तथा नगरीकरण का अन्त हुआ ।

    7.    घाटी सभ्यता की नगर योजना का वर्णन करें ?
उत्तर- सिंधु घाटी की सभ्यता की नगर योजना तथा भवन निर्माण कला के लिए प्रसिद्ध थी सभी बड़े नगर एक सुनिश्चित योजना के आधार पर बने थेनगरों का अपना-अपना दुर्ग था जिसमें शासक वर्ग के लोग रहा करते थे प्रत्येक नगर नदी किनारे बसा हुआ था तथा इसमें बड़े पैमाने पर पकाई गई ईंटों का प्रयोग किया गया था खुदाई में प्राप्त अवशेषों से नगर निर्माण योजना की विशेषताएं सामने आती है

    8.    पुरातत्व से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- पुरातत्व वह विज्ञान है जिसके माध्यम से पृथ्वी के गर्भ में छिपी हुई सामग्रीओं की खुदाई कर अतीत के लोगों की भौतिक जीवन का ज्ञान प्राप्त किया जाता है
किसी भी जाति की सभ्यता की इतिहास को जानने में पुरातत्व की एक महत्वपूर्ण एवं विश्वसनीय स्रोत है संपूर्ण हड़प्पा सभ्यता का ज्ञान पुरातत्व पर ही आधारित है

    9.    हड़प्पा सभ्यता की जल निकास प्रणाली का वर्णन करें
उत्तर-
मोहनजोदड़ो के नगर नियोजन की एक प्रमुख विशेषता यहां की जल निकास प्रणाली थी|
1.  यहां के अधिकांश भवनों में निजी कुँए व स्नानागार होते थे |
2. भवन के कमरों, रसोई, स्नानागार शौचालय आदि सभी का पानी भवन की छोटी छोटी नालियों से निकलकर गली की नालियों में आता था |
3.  गली की नाली को मुख्य सड़क के दोनों ओर बनी पक्की नालियों से जोड़ा गया था |
4. मुख्य सड़क के दोनों और बनी नालियों को पत्त्थर अथवा शिलाओं द्वारा दिया जाता था|
5. नालियों की सफाई एवं कूड़ा-करकटको निकलने के लिए बीच बीच में मोखें  (मैनहोल) भी बनाए गए थे |

    10. मोहनजोदड़ो के विशाल स्नानागार के विषय में लिखें |
उत्तर-
मोहनजोदड़ो से एक विशाल स्नानागार प्राप्त हुआ |
1. यह 39 फुट (11.88 मीटर) लंबा, 23 फुट (7.01 मीटर) चौड़ा, एवं 8 फुट (2.44 मीटर) गहरा है|
2. इसमें उतरने के लिए उत्तर एवं दक्षिण की ओर से सीढ़ियां बनी है|
3. स्नानागार का फर्श पक्की इंटों से बना है|
4. संभवत इस विशाल स्नानागार का उपयोग ‘अनुष्ठानिक स्नान’ हेतु होता होगा |
5. स्नानागार के चारों ओर कमरे तथा बरामदे थे|
6. स्नानागार से जल निकास की भी व्यवस्था थी एवं स्वच्छ पानी को एक कुँए द्वारा सनानागार में लाया जाता था |
7. मार्शल ने इसे विश्व का ‘आश्चर्यजनक निर्माण’ बताया है|

    11. मोहनजोदड़ो के अन्नागार के विषय में लिखें |
उत्तर-
मोहनजोदड़ो में 45.72 मीटर लंबा एवं 22.86 मीटर चौड़ा एक अन्नागार मिला |

    1. हड़प्पा के दुर्ग में भी 12 धान्य कोठार खोजे गए | यह दो कतारों में छः- छः  की संख्या में है |

     2. यह धान्य कोठार ईंटों के चबूतरे पर है एवं प्रत्येक का आकार 15. 10 मीटर x 6. 09 मीटर है |

 

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