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प्यारे नन्हे बेटे को विनोद कुमार शुक्ल

 

प्यारे नन्हें बेटे को

विनोद कुमार शुक्ल

पाठ का सारांश

विनोद कुमार शुक्ल समकालीन कवि हैं । विनोद कुमार शुक्ल की कविता ' प्यारे नन्हें बेटे को ' वार्तालाप शैली में लिखी गयी है । इस कविता में कवि कहता है लोहा कर्म का प्रतीक है । इसे हर वस्तु में तलाशना होगा । वह प्यारी बिटिया से पूछता है कि बताओ आस - पास कहाँ - कहाँ लोहा है । चिमटा , करकल , सिगड़ी, दरवाजे की साँकल , कब्जे में बिटिया बताती है । रुक - रुककर फिर याद कर बताती है लकड़ी के दो खम्भों पर वह एक सैफ्टी पिन , पूरी साइकिल में लोहा के प्रति आग्रह इतना क्यों ? कवि बताता है कि लोहा कर्म का प्रतीक है । वह जहाँ भी रहता है अपनी मजबूती के साथ रहता है । उसका शोषण कोई नहीं कर सकता । कवि पुत्री को याद दिलाता है कि फावड़ा , कुदाली , हँसिया , चाकू , खुरपी , बसुला सभी में लोहा है । कवि को पुत्री के अलावे भी याद दिलाती है कि बाल्टी , सामने कुएँ में लगी लोहे की घिरीं , छत्ते की डंडी में लोहा है । वह समाज के निम्न वर्ग के मजदूर को समाज का लोहा मानता है जिसके बल पर समाज मजबूती से खड़ा है परन्तु वह मजदूर शोषित है । 

 

Objective Question

1.      विनोद कुमार शुक्ला का जन्म कब हुआ था ? 
(a) जनवरी 1937                                            (b) जनवरी 1936 
(c) मार्च 1937                                                 (d) फरवरी 1936 

2.      " प्यारे नन्हें बेटे को कविता किस शैली में लिखी गयी ?
(a) व्यंग्यात्मक शैली                                       (b) वार्तालाप शैली 
(c) प्रतीकात्मक शैली                                       (d) इनमें से कोई नहीं

3.      विनोद कुमार शुक्ल किस धारा के कहानीकार हैं ? 
(a) नई कहानी                                                 (b) समान्तर कहानी 
(c) समकालीन कहानी                                                 (d) अकहानी

4.      ' प्यारे नन्हें बेटे को ' कविता में लोहा किसका प्रतीक है? 
(a) चेतना का                                                   (b) शांति का 
(c) कर्म का                                                      (d) मजबूरी का  

5.      विनोद कुमार शुक्ल को 1999 में कौन - सा पुरस्कार दिया गया ? 
(a) साहित्य अकादमी                                       (b) दादा साहब फाल्के 
(c) साहित्य मनीषी                                          (d) रांगेय राघव स्मृति पुरस्कार

6.      किस कविता की पंक्तियाँ हैं- ' कि हर वो आदमी / जो मेहनतकश / लोहा है / हर वो औरत / दबी सताई / बोझ उठानेवाली , लाहो ' । 
(a)अधिनायक                                                              (b) प्यारे नन्हें बेटे को 
(c) पुत्र - वियोग                                              (d) कवित्त'

7.      ' प्यारे नन्हें बेटे को ' कविता किस संग्रह से ली गयी है ?
(a) ' वह आदमी नया गरम कोट पहनकर चला गया विचार की तरह 
(b) ' सब कुछ होना बचा रहेगा ' 
(c) ' अतिरिक्त नहीं 
(d) इनमें से कोई नहीं

8.      कवि विनोद कुमार शुक्ल के कविता - संग्रह का नाम बताएँ 
(a)लगभग जयहिंद
(b)वह आदमी नया गरम कोट , पहनकर चला गया विचार की तरह 
(c)सब कुछ होना बचा , रहेग
(d) इनमें से सभी

9.      कवि विनोद कुमार शुक्ल को कौन - सा सम्मान मिला था ? 
(a) रघुवीर सहाय स्मृति पुरस्कार ( 1992 ) 
(b) दयावती मोदी कवि शेखर सम्मान ( 1997 ) 
(c) साहित्य अकादमी पुरस्कार ( 1999 ) 
(d) उपर्युक्त सभी

10.  विनोद कुमार शुक्ल का पहला कविता संग्रह कौन सा है? 
(a) वह आदमी नया गरम कोट पहनकर चला गया विचार की तरह 
(b) सबकुछ होना बचा रहेगा 
(c) अतिरिक्त नहीं 
(d) लगभग जयहिंद

11.  विनोद कुमार शुक्ल विश्वविद्यालय में एसोशिएट प्रोफेसर रहे हैं ? 
(a) राजेन्द्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय 
(b) चन्द्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय 
(c) इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय 
(d) नरेन्द्र देव कृषि विश्वविद्यालय

12.  ' दीवार में एक खिड़की रहती थी ' के रचनाकार हैं 
(a) विनोद कुमार शुक्ल                                   (b) मोहन राकेश 
(c) ज्ञानरंजन                                                    (d) कमलेश्वर

13.  ' प्यारे नन्हें बेटे को ' के रचयिता हैं 
(a) नीरज                                                         (b) बच्चन 
(c) विनोद कुमार शुक्ल                                   (d) अशोक वाजपेयी

14.  कवि विनोद कुमार शुक्ल का . जन्म कहाँ हुआ था ? 
(a) इलाहाबाद , उत्तर प्रदेश                             (b) इटारसी , मध्यप्रदेश 
(c) राजनादगाँव , छत्तीसगढ़                            (d) लमही , उत्तर प

Question answer

1.       ' बिटिया ' से क्या सवाल किया गया है ? 
उत्तर - उससे कहा गया , बताओ आस - पास , कहाँ - कहाँ लोहा है ।
 

2.       ' बिटिया ' कहाँ - कहाँ लोहा पहचान पाती है ? 
उत्तर - उसने बताया - चिमटा , करछुल , सिगड़ी , सडसी , दरवाजे की सांकल , कब्जे, । इतना कहकर वह फिर बताती है - यह लोहा उस तार में भी है , जिस पर भैय्या कपडे सुख रहे  है तथा सेफ्टी पिन में , साइकिल की धुरी में भी है ।

3.       कवि लोहे की पहचान किस रूप में कराते हैं ? यही पहचान उनकी पत्नी किस रूप में कराती हैं? 
उत्तर - कवि के अनुसार लोहा - फावड़ा , कुदाली , टंगिया , बसूला , खुरपी , बैलगाड़ी के चक्के का पट्टा , बैल के गले की काँस की घंटी के भीतर , लोहे की गोलियों में है । ये सारे लोहे के उपकरण कर्म के प्रतीक हैं , कर्म में उपयोगी हैं उसका आधार पर ही हमारा जीवन चलता है । उसकी पत्नी भी लोहे की पहचान कराती है , उसके अनुसार - बाल्टी , कुएँ की लोहे की घिरीं, चाकू और भिलाई आदि। 

4.       लोहा क्या है ? इसकी खोज क्यों की जा रही है ? 
उत्तर - लोहा कर्म का प्रतीक है , यही कारण है , यह वहीं है जहाँ आदमी मेहनत करता है , निर्माण करता है । गरीब मजदूर , शोषित के जीवन के आधार हैं , उसका हथियार है । इसकी खोज का आधार है व्यक्ति कर्म में लगा रहे । शोषित भी लोहा प्रयोग करता है , शोषक भी उसका प्रयोग करता है । कुल मिलाकर हर आदमी जो मेहनतकश है वह स्वयं लोहा है और हर औरत जो दबी - सतायी है वह भी लोहा है ।
 

5.       'इस घटना से उस घटना तक ' यहाँ किन घटनाओं की चर्चा है ? 
उत्तर - इस घटना का घर गृहस्थी से तथा उस घटना का व्यवसाय से तात्पर्य है , साथ ही लोहा संघर्ष का भी प्रतीक है ।

6.       अर्थ स्पष्ट करें-
कि हर वो आदमी जो मेहनतकश लोहा है हर वो औरत दबी सताई बोझ उठाने वाली , लोहा ।
उत्तर - प्रस्तुत पंक्तियाँ विनोद कुमार शुक्ल की कविता ' प्यारे नन्हें बेटे को ' से लिया गया हैं । कवि यहाँ यह संकेत कर रहा है - हर वह व्यक्ति जो श्रमिक है लोहा ही है । लोहा श्रम का प्रतीक है , संघर्ष का प्रतीक है । अतः जो व्यक्ति मेहनतकश है , श्रमिक है , मजदूर है , वह लोहा ही है , लोहा वह स्वयं भी है लोहे पर उसका जीवन भी आधारित है । यही स्थिति उस स्त्री की भी है जो सतायी हुई है , दबी हुई है , बोझा उठाती है । अगर वह लोहा न होती तो अत्याचार सहकर और बोझ उठाने से मर न गयी होती । 

 

अधिनायक

रघुवीर सहाय

पाठ का सारांश

अधिनायक शीर्षक कविता रघुवीर सहाय के काव्यसंग्रह ' आत्महत्या के विरुद्ध ' से ली गयी है । यह एक व्यंग्य कविता है । ऐसी व्यंग्य कविता जिसमें हास्य नहीं , आजादी के बाद के सत्ताधारी वर्ग के प्रति रोषपूर्ण कटाक्ष है । राष्ट्रीय गान में निहित - अधिनायक ' शब्द को लेकर यह व्यंग्यात्मक कटाक्ष है जिसमें वर्तमान व्यवस्था के विरुद्ध आक्रोश फूटा है । कवि कहते हैं कि राष्ट्रगीत में जन - गण मन अधिनायक आया है लेकिन ये अधिनायक है कौन? स्वतंत्रता आयी , आम आदमी पिस गया और उसका स्वप्न भंग हो गया । हरचरण , जो एक आम आदमी का प्रतीक है , वह विफल है , उसका सुथन भी फटा हुआ है । वह एक सरकारी स्कूल में पढ़ता है । राष्ट्रीय पर्व पर ध्वजारोहण होता है वह भी राष्ट्रगान दुहराता है । यहाँ यह नहीं कहा जा सकता कि जिस अधिनायक का गुणगान हो रहा है वह कौन है ये नेता सत्ताधारी ताम - झाम , टीम - टाम , रौब दाव के साथ तोपों के बीच अपना ही गुणगान करा रहे हैं क्योंकि इस लोकतंत्र के तो ये ही अधिनायक हैं । वह अधिनायक नंगे बूढ़े नर कंकालों के माध्यम से उत्सव मना रहा है , मौज मार रहा है । यहाँ कहाँ है कोई जन - गण - मन यहाँ तो महाबली अधिनायक ही है । सारी पीड़ित भीरु जनता जिसका रोज बाजा बजाती है ।

 

Objective Questions

1.      ' अधिनायक ' शीर्षक कविता के कवि का नाम बताएँ
( A ) रघुवीर सहाय                                           ( B ) ज्ञानेन्द्रपति 
( C ) अशोक वाजपेयी                                      ( D ) विनोद कुमार शुक्ल

2.      कविता 'अधिनायक' में कवि ने अधिनायक किसको कहा है ? 
( A ) विपक्षी दल                                              ( B ) सरकारी सेवक 
( C ) सत्ताधारी वर्ग                                           ( D ) इनमें से कोई नहीं

3.      ' अधिनायक ' शीर्षक कविता किस तरह की कविता है?
( A ) हास्य प्रधान                                             ( B ) व्यंग्य प्रधान 
( C ) रोमांस प्रधान                                           ( D ) वीर रस प्रधान

4.      ' अधिनायक ' शीर्षक कविता किस पर व्यंग्य है ? 
( A ) समकालीन राजनीति पर                        ( B ) समकालीन  व्यवस्था पर 
( C ) सरकारी तंत्र पर                                      ( D ) इनमें से कोई नहीं

5.      रघुवीर सहाय का जन्म कब हुआ था? 
( A) 1929                                                     ( B) 1930 
( C ) 1927                                                   ( D) 1928 

6.      रघुवीर सहाय का जन्मस्थान कहाँ था?
( A) आगरा                                                    ( B) मेरठ 
( C) लखनऊ                                                  ( D) प्रयाग 

7.      रघुवीर सहाय ने किस विषय से एम . ए . किया था? 
( A) हिन्दी                                                      ( B) अंग्रेजी 
( C) इतिहास                                                  ( D) भूगोल 

8.      ' पूरब पश्चिम से आते हैं नंगे बूचे नर - कंकाल , सिंहासन पर बैठा , उनके तमगे कौन लगाता है । ' ये पंक्ति किनके द्वारा लिखी गई है?
( A) ज्ञानेन्द्रपति                                              (B ) अशोक वाजपेयी 
( C ) रघुवीर सहाय                                          ( D ) विनोद कुमार शुक्ल

9.      समकालीन कविता की वाचनाएँ किस कविता केन्द्र की स्थापना , रघुवीर सहाय ने की थी ? 
( A) कामुदी                                                    ( B) यायावर 
( C) नचिकेता                                                ( D) जूही 

10.  रघुवीर सहाय को उनकी किस कृति पर साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त हुआ था? 
( A) लोग भूल गए                                        ( B) सीढ़ियों पर धूप में 
( C) आत्महत्या के विरुद्ध                           ( D) इत्यलम्

 

11.  ' अधिनायक ' शीर्षक कविता किस पुस्तक से ली गयी है ? 
( A ) आत्महत्या के विरुद्ध                             ( B ) हँसो हँसो जल्दी हँसो 
( C ) सीढ़ियों पर धूप                                       ( D ) लोग भूल गए हैं ।

12.  रघुवीर सहाय किस काल के कवि है ? 
( A ) आधुनिक काल                                        ( B ) रीतिकाल 
( C ) आदिकाल                                                 ( D ) छायावाद

13.  किन - किन पत्रों के मार्फत् रघुवीर सहाय ने पत्रकारिता की ? 
( A ) नवजीवन  ( लखनऊ )                           
( B )  समाचार विभाग  , आकाशवाणी ( नई दिल्ली )
( C ) नवभारत टाइम्स ' ( नई दिल्ली ) , ' दिनमान ' 
( D ) उपर्युक्त सभी

14.  कवि रघुवीर सहाय के पिता का क्या नाम था ? 
( A ) हरदेव सहाय ( एक शिक्षक )                            ( B ) हरहरदेव सहाय ( एक जज ) 
( C ) हरेराम सहाय ( एक वकील )                            ( D ) रामहरे सहाय ( एक पत्रकार )

15.  कवि रघुवीर सहाय का निधन कब हुआ था? 
( A ) 28 दिसम्बर , 1988                                           ( B ) 29 दिसम्बर , 1989 
( C ) 30 दिसम्बर , 1990                                           ( D ) 31 दिसम्बर , 1991

 

Question Answer

1.      हरचरना कौन है ? उसकी क्या पहचान है ?
उत्तर - कविता ' अधिनायक ' में हरचरना एक आम आदमी है जिसकी स्थिति स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद बड़ी दयनीय हो गयी है । वह फटा सुथन पहने राष्ट्रीय गान गा रहा है । उसकी इस दुरावस्था का उत्तरदायी वही अधिनायक है जिसने ऐसी स्थितियाँ उत्पन्न कर दी हैं कि आज हरचरना जैसा आम आदमी फटे हाल है , उसकी क्या स्थिति हो सकती है यह अनुमान का ही विषय है ।

2.      अधिनायक कौन है ? उसकी क्या पहचान है ? 
उत्तर - यह अधिनायक सत्ताधारी वर्ग को माना गया है । उसकी पहचान भी बतायी गयी है - वह मखमल पहनता है , पगड़ी छत्र धारण करता है , उसके सिर पर चंवर डुलाया जाता है , वह तोप छुड़वाकर , ढोल बजवाकर अपनी जय - जयकार कराता है और निरीह जन को करना ही पड़ता है यह बात भी सही है , उसके कारण ही आज जनता की यह हालत हो गयी है , फिर भी वह उसका सम्मान करेगी ही , वह विवश है ।

3.      ' जय - जय कराना ' का क्या अर्थ है ? 
उत्तर- प्रत्येक व्यक्ति यही चाहता है कि उसका गुणगान हो , उसका जय - जयकार हो ।  व्यक्ति अपनी प्रतिष्ठा चाहता है , प्रशंसा चाहता है , उसकी सबसे बड़ी लालसा यही होती है , उसकी जय - जयकार हो पर उसके कर्म इतने उत्कृष्ट नहीं होते कि लोग उसकी जय - जयकार करें , तब वह उन्हें प्रेरित करता है और विवश भी कर देता है कि उसका जयगान गाया जाय उसका जय - जयकार किया जाय ।

4.      ' डरा हुआ मन बेमन ' जिसका - ' बाजा रोज बजाता है ' यहाँ बेमन ' का क्या अर्थ है? 
उत्तर - सत्ताधारी अधिनायक यही चाहता है कि सारी जनता उसका गुणगान करे , उसके गीत गाये पर यह सम्भव नहीं क्योंकि मन उसी के गीत गाता है जो प्रिय होता है या महान होता है पर आज की स्थितियों से सत्ताधारी वर्ग के गीत जनता को गाने ही पड़ते हैं , हम कायर हैं निर्बोध हैं पर ये गीत मन से नहीं गाये जा सकते हैं , तो बेमन से ही गाये जा सकते हैं क्योंकि यह गीत दबाव अथवा भय के कारण ही गाये जाते हैं , अत : डरा हुआ बेमन ही उसकी प्रशंसा करता है ।

5.      हरचरना अधिनायक के गुण क्यों गाता है ? उसके डर के क्या कारण हैं ? 
उत्तर - सत्ता शक्ति - सम्पन्न होती है उसके पास शोषण , उत्पीड़न , अन्याय का विलक्षण हथियार होता है वह उसका कहीं भी , कभी भी प्रयोग कर सकती है । उसकी रोक किसी के भी पास नहीं है । दूसरा रूप है , उसकी असीमित शक्तियाँ , जो किसी को भी बना सकती हैं , किसी को भी बिगाड़ सकती हैं । एक ओर भय भी है , दूसरी ओर लालच - शायद खुशामद से कुछ प्राप्त हो सके , यही स्थिति व्यक्ति को यह प्रेरणा देती है कि वह अधिनायक के गुणगान करे , उसके डर का कारण भी स्पष्ट है सारी सत्ता पक्ष कुपित हो गया तो उसका सर्वनाश भी निश्चित है और आज यह सब हो भी रहा है , अत : डरना भी स्वाभाविक है ।

6.      ' बाजा बजाना ' का क्या अर्थ है ?
उत्तर - उसका सीधा - सा अर्थ है सत्ताधारी का गुणगान करना और उसकी हाँ में हाँ मिलाना , उसके प्रति बिना शर्त पूर्ण समर्पण ।
 

7.      कौन - कौन है वह जन - गण - मन - अधिनायक वह महाबली ' - कवि यहाँ किसकी पहचान कराना चाहता है ? 
उत्तर- यहाँ ' कौन - कौन ' व्यंग्यात्मक प्रयोग है , अर्थात् कौन नहीं है । आज की व्यवस्था , सत्तापक्ष इतना भ्रष्ट हो चुका है कि वहाँ ढूँढ़ने से भी एक भी पूरा आदमी नहीं मिल सकता । सब महाबली हैं , किसी पर कोई अंकुश नहीं है , सब व्यवस्था भंग कर चुके हैं यहाँ एक भी व्यक्ति समूचा नहीं मिल सकता , अर्थात् यहाँ कौन नहीं है । महाबली , आज का जन - गण - मन - अधिनायकहै । - .

8.      व्याख्या करें:
पूरब पश्चिम से आते हैं नंगे बूचे नर - कंकाल , सिंहासन पर बैठा , उनके तमगे कौन लगाता है। 
उत्तर - प्रस्तुत पंक्तियाँ रघुवीर सहाय की कविता ' अधिनायक ' से से लिया गया हैं । कवि लोकतांत्रिक व्यवस्था पर चोट करते हुए कहता है कि यहाँ चारों ओर भूखों की चीत्कार सुनायी पड़ रही है , वे नंगे हैं , वस्त्रहीन हैं तो दूसरी ओर वे अधिनायक हैं जो सत्ता पर कुंडली मारे पसरे हैं और उसका रस पीकर मोटे तोंदों वाले होते जा रहे हैं , इतना वैभव कि घर में समाता भी नहीं , फिर भी वे शोषक हैं पता नहीं कितना चूसेंगे । वह जो सिंहासन पर बैठा है , वही गरीब जनता को तमगे बाँट रहा है । 

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