सिपाही की माँ
मोहन राकेश
पाठ का
सारांश
'सिपाही की माँ' शीर्षक एकांकी के एकांकीकार
मोहन राकेश द्वारा लिखित “अंडे के
छिलके तथा अन्य एकांकी” से ली गई
है। इस एकांकी में एक माँ (नाम-बिशनी)
अपनी एकमात्र बेटी (नाम-मुन्नी) की शादी के लिए पैसे के लिए परेशान है। एकमात्र
बेटा (नाम-मानक) कमाने गया है । लड़ाई में उसके मारे जाने का भी भय है । मोहन
राकेश की इस मार्मिक रचना में निम्न मध्य वर्ग की एक ऐसी माँ - बेटी की कथावस्तु
प्रस्तुत है जिनके घर का इकलौता लड़का सिपाही के रूप में द्वितीय विश्व युद्ध के
मोर्चे पर बर्मा में लड़ने गया है । वह अपनी माँ का इकलौता बेटा और विवाह के लिए
तैयार अपनी बहन का इकलौता भाई है । उसी पर घर की पूरी आशा टिकी हुई है । वह लड़ाई
के मोर्चे से कमाकर लौटे तो बहन के हाथ पीले हो सकें अर्थात बहन की शाफी हो सकेगी।
माँ एक देहाती भोली स्त्री है , वह यह भी नहीं जानती कि बर्मा उसके गाँव से कितनी
दूर है और लड़ाई कैसी और किनसे किसलिए हो रही है । उसका अंजाम ऐसा भी हो सकता है
कि सब कुछ खत्म हो जाए ऐसा वह सोच भी नहीं सकती । लेकिन माँ को अपने बेटे के
चिट्ठी का इन्तेजार दिन रात रहता है| लेकिन माँ को बेटा का चिट्ठी भी प्राप्त नही
होता है| सपने में बिशनी को मानक देखाई देता है| वह उससे बातचीत करती है| वह बुरी
तरह घायल है और बताता है कि दुश्मन उसके पीछे लगा है| बिशनी उसे लेटने को कहती है
पर वह पानी मांगता है| तभी वहां एक सिपाही आता है और वह उसे मरा हुआ बताता है| यह
सुनकर बिशनी सहम जाती है लेकिन तभी मानक कहता है कि मैं मरा नहीं हूं| वह सिपाही
मानक को मारने की बात कहता है लेकिन बिशनी कहती है कि मैं इसकी मां हूं और इससे
मरने नहीं दूंगी| सिपाही मानक को वहशी तथा खूनी बताता है| लेकिन बिशनी उसकी बात को
नकार देती है| वह कहती है कि यह बुरी तरह घायल है और इसकी किसी से कोई दुश्मनी
नहीं है| इसलिए तू इसे मारने का विचार त्याग दें| जवाब में सिपाही कहता है कि अगर
मैं इसे नहीं मारूंगा तो यह मुझे मार देगा| बिशनी विश्वास दिलाती है की यह तुझे
नहीं मारेगा तभी मानक खड़ा होता है और उस सिपाही को मारने की बात कहता है| बिशनी उसे
समझाती है लेकिन वह नहीं मानता है और उसकी बोटी-बोटी करने की बात कहता है| यह सुन
बिशनी चिल्लाकर बैठती है| वह जोर-जोर से मानक! मानक! कहती है| उसकी आवाज सुनकर मुन्नी
आती है| मां की स्थिति देखकर वह कहती है कि तुम रोज भैया के सपने देखती हो जब कि
मैंने तुमसे कहा था कि भैया जल्दी आएंगे| फिर वह अपने मां गले लग जाती है| बिशनी
उसका माथा चूमकर उसे सो जाने को कहती है और मन ही मन कुछ गुनगुनाने लगती है|
Objective Question
1. 'सिपाही की माँ'
नामक एकांकी किस संकलन का अंग है ?
a) अण्डे के
छिलके b) वारिस
c) अन्तराल d) नए बादल
2. मुन्नी की अवस्था
क्या थी ?
a) 14 वर्ष b) 12 वर्ष
c) 13 वर्ष d) 18 वर्ष
3. विशनी मानक को लड़ाई में क्यों भेजती है?
a)देश को बचने के उद्देश्य से b)पैसा कमाने के
उद्देश्य से
c)घुमने के उद्देश्य से d)इनमे से कोई
नहीं
4. आज की डाक में
चौधरी के लिये क्या आया था?
a) पेंशन का
मनीआर्डर b) उसके
पुत्र का पत्र
c) उसका
बुलावा d) कुछ भी
नहीं
5. ‘नहीं मानक तू इसे
नहीं मारेगा, यह भी हमारी तरह गरीब आदमी है’ किसने कहा?
a)मुन्नी ने b)मानक ने
c)कुंती ने d)बिशनी ने
6. मोहन राकेश का
जन्म कब हुआ था?
a) 1925 b) 1928
c) 1930 d) 1934
7. मानक किस युद्ध
में सिपाही बनकर लड़ने गया?
a)प्रथम विश्वयुद्ध b)दुसरे
विश्वयुद्ध में
c)कारगिल युद्ध में d)इनमे से कोई
नहीं
8. बिशनी किस एकांकी
की पात्रा है?
a)लहरों के राजहंस b)आधे-अधूरे
c)सिपाही की मां d)पैर तले की जमीन
9. मुन्नी की कौन-सी
सहेली बैसाख में चली जायेगी?
a) धन्नो b) मुक्ता
c) भारती d) बिंदिया
10. मानक की माँ का
क्या नाम है?
a)मुन्नी b)सीता
c)गीता d)बिशनी
11. दो आगन्तुक
लड़कियाँ क्या माँग रही थीं?
a) कपड़े b) दाल-चावल
c) रोटी d) पैसा
12. 'परमात्मा आपको
सुखी रखे' यह वाक्य किसका है?
a) चौधरी b) कुन्ती
c) आगन्तुक
लड़कियाँ d) पुरोहित
13. मुन्नी को सबेरे
उठकर कहाँ जाना था?
a) बाजरा
लाने b) पानी लाने
c) गोबर लाने d) सब्जी लाने
14. बर्मा की दूरी
चौधरी ने कितना बताया था?
a)कई सौ कोसो दूर b)सौ कोस
c)दो सौ कोस d) पचास कोस
15. ‘मैं इसे अभी मार दूंगा अभी इसे बोटी-बोटी अलग कर दूंगा’ किसने कहा?
a)बिशनी ने b)मानक ने
c)सिपाही ने d)मुन्नी ने
16. मानक क्या करता है?
a)सेना के सिपाही हैं b)खिलाड़ी हैं
c)शिक्षक हैं d)पहलवान है
17. आखिरी चट्टान तक
किसके द्वारा लिखित यात्रा वृतांत है?
a)मोहन राकेश b)अनूप लाल मंडल
c)दिनकर d)देवराज
18. सिपाही की माँ
एकांकी के एकांकीकार कौन है?
a)जगदीश चन्द्र b)मोहन राकेश
c)रघुवीर सहाय d)इनमे से कोई
नहीं
19. मोहना राकेश ने हिंदी में एम्.ए. कहाँ से किया?
a)ओरियंटल कॉलेज पटना, b) ओरियंटल कॉलेज अलाहाबाद
c) ओरियंटल कॉलेज दरभंगा d) ओरियंटल कॉलेज, जालंधर
Question
Answer
1.
बिशनी और मुन्नी को किसका प्रतीक्षा है, वे डाकिया की राह क्यों दिखती है?
उत्तर- बिशनी और मुन्नी को अपने घर के इकलौते बेटे मानक की
प्रतीक्षा है| उसकी चिट्ठी आने के इंतजार में डाकिए की राह दिखती है|
2.
बिशनी मानक को लड़ाई
में क्यों भेजती है?
उत्तर- बिशनी पति विहीन महिला है । परिवार निम्न मध्य वर्गीय है । सयानी
पुत्री घर में है , उसके हाथ पीले करने हैं । जब वह कुछ कमाकर लायेगा तभी यह कार्य
हो सकेगा । भारतीय जीवन में कन्या का विवाह एक भारी समस्या है । यही एक कारण था कि
मानक को लड़ाई पर भेजा गया ताकि उसकी कमाई से मुन्नी के हाथ पीले हो सकें ।
3.
सप्रसंग व्याख्या
करें-
(क) यह भी हमारी तरह गरीब आदमी है ।
उत्तर- प्रस्तुत पंक्तियाँ मोहन राकेश कृत एकांकी ' सिपाही की माँ ' से लिया
गया हैं। उसका बेटा बर्मा में लड़ रहा है , वह उसके आगमन की प्रतीक्षा करती है । वह
चाहती है , कम-से-कम पत्र आ ही जाना चाहिए । एकांकी के द्वितीय दृश्य में सिपाही
की माँ एक स्वप्न देखती है । उसका पुत्र आहत होकर आ गया है उसका पीछा एक सिपाही कर
रहा है , वह भी आहत है । मानक माँ की गोद में लिपट जाता है । दोनों में वाक्युद्ध
होता है , पीछा कर रहे सिपाही की बन्दूक मानक छीनकर उसी पर तान देता है । मानक की
माँ जानती है , युद्ध में जो भी सिपाही होते हैं वे सब उसके पुत्र के समान हो जाते
हैं । उनके भी घर परिवार होता होगा बाल-बच्चे भी होते होंगे शायद कोई अनब्याही
बहिन भी हो सकती है । वह भी किसी आकांक्षा को लेकर ही सेना में गया होगा । अत : वह
उस सिपाही की स्थिति का अवलोकन , अपने परिवार की हालत से करती है और यह मानती है
कि वह भी हमारी तरह गरीब आदमी हैं ।
( ख ) घर - वर देखकर ही क्या करना
है कुन्ती ? मानक आए तो कुछ हो भी । तुझे पता ही है , आजकल लोगों के हाथ कितने
बढ़े हुए हैं ।
उत्तर- प्रस्तुत पंक्तियाँ मोहन राकेश कृत ' सिपाही की माँ से लिया गया हैं । बिशनी
कुंती से कहती है कि वर देख कर कोई लाभ नहीं है क्योंकि हमारे पास रुपए तो है नहीं
जो विवाह किया जा सके| इसीलिए जब मानक आएगा तभी कुछ हो सकता है| वैसे भी आजकल शादी
ब्याह में बहुत अधिक खर्च होते हैं| अर्थात बिशनी स्पष्ट कहती है कि उसके पास रुपए
पैसे बिल्कुल भी नहीं है इसीलिए जब उसका बेटा आएगा तभी शादी के बारे में कुछ सोचा
जा सकता है|
( ग ) नहीं, फौजी वहाँ लड़ने के लिए
हैं, वे नहीं भाग सकते। जो फौजी छोड़कर भागता है उसे गोली मार दी जाती है।
उत्तर- प्रस्तुत पंक्तियाँ मोहन राकेश कृत एकांकी सिपाही की माँ ' से लिया गया
हैं । दो लड़कियाँ बर्मा से भागकर आयी थीं । वे खाने को कुछ माँग रही थीं । उनसे
वहाँ के समाचार पूछे गये । उस समय यह पता लगा कि ये लड़कियाँ भागकर आयी हैं ,
मुन्नी पूछती है - जिस मार्ग से तुम भागकर आयी हो क्या उस मार्ग से फौजी भागकर
नहीं आ सकते । उस अवसर पर एक लड़की बताती है वह कहती है फौजी वहाँ लड़ने भेजे जाते
हैं और वे वहाँ लड़ भी रहे हैं क्योंकि उनको लड़ने हेतु ही भेजा जाता है । इस कारण
वे भाग नहीं सकते अगर किसी फौजी ने जरा भी भागने का प्रयास किया या सेना छोड़कर
भागा तो उसको गोली मार दी जाती है । फौजी को लड़ना ही है या तो जीतता है या मर
जाता है , पर भागता नहीं है ।
4.
'भैया मेरे लिए जो
कड़े लाएँगे वे तारो और बंतो के कड़ों से भी अच्छे होंगे न' मुन्नी के इस कथन को
ध्यान में रखते हुए उसका परिचय आप अपने शब्दों में दीजिए ।
उत्तर- मुन्नी सैनिक मानक की बहिन है और बिशनी की पुत्री है , उसकी अवस्था विवाह
योग्य हो चुकी है । वह पिता विहीन है और निम्न मध्यवर्गीय परिवार की कन्या भी है ।
उसकी आशाओं का केन्द्र उसका भाई ही है जो इस समय सेना में है । वह बर्मा में
युद्धरत है , मुन्नी ने अपनी सहेलियों को कड़े पहने देखा है । उसकी आकांक्षा है कि
उसके कड़े , उनके कड़ों से भी बढ़िया होने चाहिए । वह अपनी माँ से कहती है - अम्मा
भैया मेरे लिये जो कड़े लायेंगे वे तारो और बंतो के कड़ों से भी अच्छे होंगे। उसके
मन में अपने भाई के प्रति गहरी प्रेम की भावना है साथ ही उसके मन में भाई के प्रति
अगाध विश्वास भी है । वही उसकी आशा का भी केन्द्र है उसके सारे अरमान , आशा ,
विश्वास उसके मानक पर ही टिके हैं ।
5.
बिशनी मानक की माँ
है पर उसमें किसी भी सिपाही की माँ को ढूँढ़ा जा सकता है, कैसे?
उत्तर- एकांकी के दुसरे भाग में बिशनी स्वप्न में जो कुछ देखती है , जिन घटनाओं की
यहाँ योजना की गयी है , वह सब यह संकेत कर देता है कि उसके किसी भी सिपाही के
प्रति वात्सल्य खोजा जा सकता है । जब एक सिपाही मानक को खदेड़ते हुए आता है| उस
समय मानक माता के गले से लिपट जाता है । वह सिपाही पूछता है कि तुम इसकी क्या लगती
हो ? बिशनी उत्तर देती है " मैं उसकी माँ हूँ । मैं तुझे कभी डरने नहीं दूंगी । " सिपाही कहता है यह हजारों का दुश्मन है
वे भी उसको खोज रहे हैं । उस पर बिशनी कहती है- " तू भी तो आदमी है तेरा भी घर - बार होगा । तेरी भी माँ होगी । तू माँ के दिल
को नहीं समझता । मैं अपने बच्चे को अच्छी तरह जानती हूँ । " साथ ही जब मानक सिपाही को धक्का देकर
बन्दूक छीनकर उसका कुन्दा सिपाही के सीने की ओर तान देता है तो बिशनी कहती है- " नहीं मानक तू इसे नहीं मारेगा इसकी माँ
इसके पीछे रो - रोककर पागल हो जायेगी । " वह फिर चीखती है- " नहीं मानक , तू इसे नहीं मारेगा तुझे तेरी माँ की सौगन्ध है । " ये सारे संवाद यह स्पष्ट करते हैं कि वह
जितना मानक को चाहती है उतना ही उस सिपाही को बचाना चाहती है । उसके मन में दोनों
के प्रति प्रेम है । उसकी यह स्थिति यह स्पष्ट करती है कि उसमें किसी भी सिपाही की
माँ को भी ढूँढ़ा जा सकता है।
6.
एकांकी और नाटक में
क्या अंतर है?
उत्तर - एकांकी में एक ही अंक होते हैं और उस एक अंक में एक से अधिक दृश्य होते
हैं| जबकि नाटक में एक से अधिक अंक एक्ट होते हैं और प्रत्येक अंक कई दृश्यों में
विभाजित होकर प्रस्तुत होता है|
7.
दोनों लड़कियाँ कौन
हैं?
उत्तर - लड़कियों के विषय में सर्वप्रथम दीनू बताता है कि जवान लड़कियाँ आज कहीं
से आयी हैं । मेम की तरह चलती हैं । बड़ी बेशरम भी हैं । कुन्ती बताती है कि ये
लड़कियाँ क्रिस्टान हैं । उसी समय एक लड़की यह गुहार लगाती है - थोड़ा दाल - चावल
दे दीजिये माँजी , परमात्मा आपका भला करे । दूसरी लड़की कहती है । हम रिफ्यूजी हैं
। बहुत दूर से भूखे - प्यासे आ रहे हैं । वे अपना परिचय देती हैं कि वे रंगून से
आयी हैं । अनेक व्यक्ति वहाँ से घरबार छोड़कर भागे हैं । हमारे परिवार के सदस्य
मारे गये हैं । वे बताती हैं कि उनका घर - बार उजड़ गया है । जापानी जहाजों ने बम
मारकर सारा शहर उजाड़ दिया है । वे बर्मा के रंगून शहर से आयी हैं|
8.
कुन्ती का परिचय आप किस तरह देंगे?
उत्तर- वह
एक पड़ोसिन है , अधेड़ अवस्था में है , फिर भी उसके चेहरे पर स्वास्थ्य की लाली
झलकती है । वह आते ही यह पूछती है कि आज भी कोई चिट्ठी नहीं आयी ? ' वह बर्मा में
लड़ाई का परिचय देती है । कुन्ती यह भी कहती है कि मानक जल्दी घर आ जाय और बहिन के
हाथ पीले करे । उसका रूप सामान्य स्त्री का तो है ही , वह ऐसी स्त्री भी है जिसको
चारों ओर की चिन्ता रहती है । वह यह बताती है धन्नो भी चली जायेगी । वह यह भी
पूछती है कि बिशनी ने कोई घर ढूँढ़ा है क्या ? वह मलमल की भी चिन्ता करती है कि सब
विलायत चली गयी है । उसका व्यक्तित्व सबकी चिन्ता करने का है पर वह चिन्ता मात्र
दिखावटी है ।
9.
मानक और सिपाही एक-दूसरे को क्यों मारना चाहते हैं?
उत्तर- मानक
बर्मा में अंग्रेजों की ओर से लड़ रहा था , दूसरा पक्ष जापानी था । दोनों ही एक -
दूसरे के शत्रु थे क्योंकि फौजी अपने - अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रहे थे । मानक
और सिपाही भी परास्त शत्रु ही थे । उनकी सेनाएँ अलग - अलग थीं यही कारण था कि वे
एक - दूसरे को मारना चाहते थे।
10. मानक स्वयं को वहशी
और जानवर से भी बढ़कर क्यों कहता है?
उत्तर- मानक
का पीछा करते हुए एक आहत सिपाही आता है । वह मानक को मारना चाहता है , उसकी माता
उसे रोकती है । वह सिपाही को भी मना करती है कि वह मानक को न मारे और वह मानक को
भी रोकती है कि वह भी उस सिपाही को न मारे । उस पर मानक कहता है अपना दुश्मन बताकर
यदि वह उसको नहीं मारेगा तो वह उसको मार देगा । मैं उसको जरूर मारूँगा । वह आगे
बढ़कर सिपाही को धक्का देता है और वह बन्दूक उठा लेता है और गरजता है - मैं बहशी
हूँ , मैं जानवर हूँ । मैं बहशी और जानवर से भी बढ़कर हूँ । वह उसी तरह हँसता है
जैसे वह सिपाही हँस रहा था । वह भी आहत है , सिपाही भी आहत है - दोनों एक - दूसरे
के शत्रु हैं । माता दोनों को रोकती है , मानक उसका आसरा पाकर स्वयं को बहशी कह
उठता है और यह उसका उन्माद ही है । उसके सिर पर शत्रुता का भूत सवार है ।
11. मुन्नी के विवाह की
चिन्ता न होती तो मानक लड़ाई पर न जाता , यह चिन्ता भी किसी लड़ाई से कम नहीं है ?
क्या आप इस कथन से सहमत हैं ? अपना मत दें ।
उत्तर-
निम्न मध्यवर्ग का परिवार सदा आर्थिक दबाव में रहता है पर यह परिवार पूर्णत :
निम्न मध्यवर्गीय परिवार था , पिता विहीन परिवार था । वह मात्र एक कमाने वाला
सदस्य था । ग्रामीण क्षेत्र में कमाई के साधन सुलभ नहीं हैं । कठिन परिश्रम करके
भी दो जून की रोटी जुटा पाना भी सहज सम्भव नहीं है । साथ ही छोटी बहिन थी जो
चन्द्रकला के समान बढ़ती ही जा रही थी । उसका विवाह आवश्यक था । आज विवाह में वर
पक्ष अपना मुँह फाड़ता है । वह कन्यापक्ष को समूचा ही निगल जाना चाहता है अत : एक
ही उपाय था कि मानक सेना में जाकर कुछ धन कमावे जिसके माध्यम से मुन्नी के हाथ
पीले हो सकें । यह कथन उपयुक्त है कि समाज का कोढ़ है , ' दहेज लोभ ' । इसके
विरुद्ध युवा पीढ़ी को खड़ा होना होगा ।
12. सिपाही के घर
की स्थिति मानक के घर से भिन्न नहीं है। कैसे ? स्पष्ट करें ।
उत्तर- दोनों ही व्यक्ति सिपाही और मानक अपने - अपने घर के इकलौते चिराग हैं ।
दोनों पर परिवार का उत्तरदायित्व है । मानक के सामने यदि बहन के विवाह की समस्या
है तो सिपाही के सामने पत्नी है जिसका प्रसव निकट है । दोनों का परिवार आर्थिक
संकटों से जूझ रहा है । बिशनी स्पष्ट करती है- " यह किसी
दुश्मनी से लड़ाई में नहीं गया । इसे मैंने ही लड़ाई में भेजा था । यह उसकी विवशता
थी । " बिशनी यह भी कहती है , " नहीं मानक
तू इसे नहीं मारेगा , यह भी हमारी तरह गरीब आदमी है , इसकी माँ इसके पीछे रो - रो
कर पागल हो गई है । इसके कोई बच्चा होने वाला है । यह मर गया तो इसकी बीबी फाँसी
लगाकर मर जायेगी । " जहाँ मानक
का परिवार मानक पर आश्रित है वहीं सिपाही का परिवार भी उस पर आश्रित है अत : कुल मिलाकर
सिपाही के घर की हालत भी वैसी ही है , जैसी मानक के घर की ।
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Sir pdf download ka option ni show kr rha h?
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