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रोज कहानी सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय

 

पाठ-5

रोज़

सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय

पाठ का सारांश

रोज शीर्षक कहानी के रचियता आधुनिक हिंदी सहित के विद्वान श्री सच्चिदानंद हीरानंद  अज्ञेए  द्वारा लिखी गई है|  ‘रोजअज्ञेयजी की बहुचर्चित कहानी है और इस कहानी में  मध्यवर्ग भारीतय समाज में घरेलू स्त्री के जीवन और मनोदशा पर सहानभूति पूर्वक विचार किया है | घरेलू स्त्री के जीवन काम के अलावा कुछ रह जाता वह अपना सारा समय घर के कामों में निकाल देती है|

कहानी आत्मकथ्य शैली में है और इसके प्रमुख पात्र लेखक और उसकी बहन मालती है। कहानी की शुरुआत अचानक से होती है। दोपहर को उस आँगन में पैर रखते ही मुझे ऐसा जान पड़ा , मानो उस पर किसी शाप की छाया मँडरा रही है , उनकी आहट सुनकर मालती बाहर आई । अन्दर पहुँचकर लेखक ने पूछा - " वे यहाँ नहीं हैं ? " उत्तर मिला अभी दफ्तर से नहीं आये हैं । मालती पंखा उठा लायी और ऊपर झूलाने लगी । यह कहानी विचित्र ढंग से प्रारम्भ होती है , मालती अतिथि से हालचाल भी नहीं पूछती । उसके व्यवहार में कर्त्तव्यपालन का भाव कुछ अधिक ही है । बचपन की बाबली , चंचल लड़की शादी के बाद इतनी बदल जाती है कि चुप्पी उसके चेहरे पर छा जाती है । उसका व्यक्तित्व भी बुझ - सा गया है । अतिथि का आगमन वहाँ कोई उल्लास का कारण नहीं है और अतिथि को भी वहाँ कोई छाया मैंडराती - सी दिखायी देती है । मौन छाये वातावरण को मालती का बच्चा भंग करता है । मालती उसको सँभालने चली जाती है । मालती लेखक की दूर के रिश्ते की बहिन थी । वह उसके साथ सखी रूप में रही थी उनका सम्बन्ध ही ऐसा था । साथ खेलती , लड़ती , पिटते और पढ़ते भी साथ ही थे । लेखक चार वर्ष बाद उससे मिलने आया था । बच्चे का नाम लेखक ने पूछा तो पता चला नाम कोई रखा नहीं , पर हम टिटी कहते हैं । लेखक को यह भी अखरता है कि मालती ने कोई बात नहीं की । कैसा हूँ यह भी नहीं पूछा ? लेखक ने एक बार प्रश्न किया,  "तुम्हें मेरे आने से विशेष प्रसन्नता नहीं हुई?" वह मात्र चौंक कर हूँ कहकर शान्त हो गयी । मालती का अन्तर्द्वन्द्व , मानसिक स्थिति , बीते बचपन की स्मृतियाँ भटक गर्दी और संज्ञाहीनता की स्थिति मौजूद थी । थकान , सब्जी का अभाव , पानी समय पर नहीं आता यह भी परेशानी है , उसका भी चित्रण है , नौकर भी नहीं मिलता । मालती के पति दोपहर के तीन बजे और रात्रि के दस बजे भोजन करते हैं । मालती का जीवन रोज एक - सा ही है । पति का अधिकांश समय डिस्पेन्सरी में बीतता है या सोने में । यहाँ मालती की आन्तरिकता को भली प्रकार उभारा गया है , जिसमें लेखक को सफलता भी मिली है । 

उसके पति का आगमन होता है । लेखक ने उनको पहली बार देखा था । दोनों का परिचय हुआ उनका नाम था महेश्वर । वे एक सरकारी अस्पताल में चिकित्सक थे । उनकी अस्पताल की जिन्दगी की भी चर्चा है । उनकी रूटीन पर ही दोनों में वार्तालाप होता रहा । खाना आ गया । लेखक ने मालती से पूछा तुम नहीं खाओगी , उत्तर महेश्वर ने दिया , वह पीछे खाया करती है । महेश्वर और अतिथि बाहर पलंग पर बैठकर अनौपचारिक वार्तालाप करते रहे । मालती बर्तन माँजती है , बच्चा बार - बार पलंग से गिर जाता है । मालती तीखी प्रतिक्रिया दिखाती है , यह आभास होता है कि वह यह बताना चाहती है कि वह बर्तन माँजे या बच्चा सँभाले , यह कहानी नारी की विषम स्थिति पर गहरी छाया डालती है । कहानी का अन्त भी करुण है। ग्यारह का घण्टा बजता है , मालती कहती है ग्यारह बज गए । यह उसकी गहरी निराशा का भाव है , रोज ही यह होता है । 

एक घटना और भी महत्वपूर्ण है । महेश्वर कुछ आम लाये थे जो अखबार में लिपटे थे । महेश्वर उन्हें धोने को कहते हैं । मालती उस अखबार के टुकड़े को पढ़ती है , यह बताता है कि मालती की जिन्दगी एक दायरे में सिमट गयी है वह अखबार भी नहीं पढ़ सकती यहाँ यह भी तड़प व्यंजित है कि वह बाहरी दुनियादारी से मिलना चाहती है ।

 

Objective Questions

 

1.      रोज शीर्षक कहानी के लेखक कौन है?
(a)मालिक मोहम्मदजायसी
(b)प्रेमचंद
(c)जय शंकर प्रसाद
(d)सच्चिदानंद हीरानंद अज्ञेय

2.      रोज कहानी में अतिथि बनकर  कौन आताहै?
(a)मालती का चाचा
(b)मालती का मामा
(c)मालती का पिता
(d)मालती के दूर के रिश्ते का भाई

3.      अतिथि मालती के यहाँ कैसे पहुंचा था ?
(a) टट्टू पर
(b)
मोटर से 
(c) पैदल
(d) साइकिल से 

4.      लेखक मालती के घर पहुँचने हेतु कितना पैदल चला था ? 
(a) 15 मील
(b) 18
मील
(c) 20 मील 
(d) 12 मील 

5.      रोज कहानी घंटे की किस खड़कन के साथ समाप्त होती है?
(a)चार
(b)पाँच
(c)दो
(d)ग्यारह

6.      रोज इनमें से क्या है
(a)कहानी
(b)नाटक
(c)उपन्यास
(d)निबंध

7.      यह कहानी किस कहानी संग्रह में गैंग्रीन नाम से छपी थी ? 
(a) विपथगा
(b) सुपथेगा
(c) समिपथगा
(d)
निपथगा

8.      मालती के पति का क्या नाम था?
(a)महेश्वर
(b)कमलेश्वर
(c)महेश
(d)सुरेश

9.      अज्ञेय किस वाद से सम्बंधित है?
(a)छायावाद
(b)प्रयोगवाद
(c)रहस्यवाद
(d)इनमें से कोई नहीं

10.  मालती के पति क्या थे?
(a)वकील
(b)व्यपारी
(c)डॉक्टर
(d)मुलाज़िम

11.  महेश्वर को किस चीज का ऑपरेशन करना था?
(a)अपेंडिक्स
(b)गैंग्रीन
(c)कैंसर
(d)पेट

12.  अज्ञेय का उपन्यास इनमें से कौन - सा है ? 
(a) राम तेरी गंगा मैली हो गयी 
(b) शेखर : एक जीवनी 
(c) रसभरी
(d)जादूगर

13.  अज्ञेय का जन्म कहाँ हुआ था ? 
(a) कसेया 
(b) रसेया 
(c) रथनगर
(d)
पंचागनगर

14.  नायिका कौन है ? 
(a) मालती 
(b) रागिनी 
(c) धम्भू 
(d) कलावती

15.  मालती के घर का वातावरण कैसा था
(a)खुशहाल
(b)उदास
(c)बेकार
(d)समान्य

16.  रिश्ते में मालती लेखक की क्या लगती थी?
(a)बहन
(b)भतीजी
(c)बेटी
(d)भांजी

17.  मालती के शिशु का क्या नाम था ? 
(a) पेटू 
(b)
टिटी
(c) रिटी
(d)
सिटी

18.  मालती के चेहरे का हाव-भाव कैसा रहता था?
(a)गंभीर
(b)मुरझाई हुई
(c)हंसमुख
(d)चिन्ताशील

19.  लेखक कितने दिनों बाद मालती से मिलने आया था?
(a)एक साल
(b)दो साल
(c)तीन साल
(d)चार साल

20.  अज्ञेय का जन्म कब हुआ
(a)1911
(b)1920
(c)1930
(d)1940

21.  अज्ञेय के पिता का नाम क्या था?
(a)दयानंद शास्त्री
(b)डॉ. हीरानंद शास्त्री
(c)अभयानंद शास्त्री
(d)महेश शास्त्री

22.  इनमें से अज्ञेय का नाटक कौन सा है?
(a)कर्बला
(b)सिपाही की माँ
(c)पूस की रात           
(d)उत्तर प्रियदर्शी

23.  अज्ञेय को ज्ञानपीठ पुरस्कार किस रचना पर प्राप्त हुआ
(a)कितनी नावों पर कितनी बार 
(b)आँगन के पार द्वार
(c)शेखर एक जीवनी
(d)इनमें से कोई नहीं

 

Short Question Answer

1.      मालती के घर का वातावरण आपको कैसा लगा ? अपने शब्दों में लिखिये । 
उत्तर - मालती के घर का वातावरण ऐसा था जिस पर कोई छाया मँडरा रही थी , यंत्र की तरह दिनचर्या , उदास - उदास थका - थका तन , जिसमें उल्लास , आनन्द की एक किरण भी नहीं । इतना प्रिय अतिथि आया फिर भी मालती का मन खिला नहीं, बुझा - बुझा ही रहा । वह उससे कुछ बात भी नहीं करती , उल्टे उसके प्रश्नों का उत्तर भी अति संक्षिप्त देती है मानो रस्म अदायगी हो । लेखक स्वयं मानता है कि चहकने वाली लड़की व्यक्तित्व कुछ वर्षों  में बुझ - सा गया है । 

 

2.      ' दोपहर में उस सूने आँगन में पैर रखते ही मुझे ऐसा जान पड़ा मानो उस पर किसी शाप की छाया मँडरा रही हो ' यह कैसी शाप की छाया है?
उत्तर - लेखक अपने दूर के रिश्तेदार की बहिन के यहाँ आया था । यह वही बहन थी जिसके साथ उसका बचपन बीता था । वह लेखक की सखी अधिक थी , साथ खेलना , लड़ना - झगड़ना , साथ पढ़ना - व्यवहार से स्वच्छता , चंचलता गुमसुम पर आज मात्र औपचारिक वार्ता । शादी के बाद औरत इतनी बदल जाती है कि वह अपने भाई , सखा और अतिथियों के आगमन पर जरा भी उल्लास नहीं दिखा पाती । उसका वार्तालाप भी नीरस है , मात्र प्रश्न के उत्तर देती है , यह भी नहीं पूछती कैसे हो ? उसका यान्त्रिक जीवन और मौन बताता है वह कुछ सह रही है , भोग रही है । । यही स्थिति यह ध्वनित करती है कि घर पर कोई छाया मँडरा रही है|

 

3.      लेखक और मालती के सम्बन्ध का परिचय पाठ के आधार पर दें । 
उत्तर - लेखक मालती का दूर का भाई है पर बचपन में इनका सम्बन्ध सख्य का था । एक साथ रहते थे , खेलते थे , लड़ते थे , साथ - साथ पिटते भी थे । लेखक का अध्ययन भी मालती के साथ ही हुआ था । दोनों के व्यवहार में सखा भाव के साथ उन्मुक्त स्वच्छन्दता का भी समावेश रहा है । कभी भ्रातृत्व रूप का , कभी किसी अन्य रूप में वे रिश्ते के बड़े - छोटेपन में नहीं बँध सके थे । 

 

4.      मालती के पति महेश्वर की कैसी छवि आपके मन में बनती है ? कहानी में महेश्वर की उपस्थिति क्या अर्थ रखती है ? अपने विचार दें । 
उत्तर - कहानी के आधार पर यह माना जा सकता है कि महेश्वर एक व्यस्त व्यक्ति था जिसका परिवार से रुटीन लगाव था । बच्चा रो रहा है , गिर पड़ता है उसके ऊपर उसका प्रभाव नहीं है । मालती का जीवन नौकरानी  सा है , इसकी उसको कोई चिन्ता नहीं है । घर आना , खाना खाकर सो जाना , सुबह तैयार होकर डिस्पेन्सरी चले जाना एक रुटीन वह भी रूखी ऊब पैदा करने वाली रुटीन यही थी उसकी जिन्दगी । यह भी आभास होता है कि महेश्वर की जिन्दगी , खूटे से बँधे पशु के समान है जिसकी नियति मात्र खूटे के चारों ओर चक्कर काटना ही है । महेश्वर एक कटा हुआ पात्र है , फिर भी जहाँ कहीं उसकी उपस्थिति कहानी में होती है तो वातावरण तनावग्रस्त हो उठता है । 

 

5.      गैंग्रीन क्या है ? 
उत्तर - कोई भी चोट या घाव ऐसा रूप धारण कर लेती है जिसका सामान्य इलाज सम्भव नहीं हो पाता है वह गैंग्रीन कहलाता है । आमतौर से इसको गलाव बोलते हैं , अर्थात् घाव बजाय ठीक होने के गलने लगता है , बढ़ने लगता है । उस समय उस अंग को काट देना ही एकमात्र मार्ग रह जाता है । 

 

6.      कहानी से उन वाक्यों को चुनें जिनमें ' रोज ' शब्द का प्रयोग हुआ है । 
उत्तर- ( 1 ) मालती टोककर बोली मेरे लिए तो यह नई बात नहीं है रोज ही ऐसा होता है । 
( 2 ) क्यों पानी का क्या हुआ ? रोज ही होता है , कभी वक्त पर आता नहीं । 
( 3 ) मैं तो रोज ऐसी बातें सुनती हूँ । 
( 4 ) मालती का जीवन अपनी रोज की नियत गति से बढ़ा चला जा रहा था और एक चन्द्रमा की चन्द्रिका के लिए एक संसार के लिए रुकने को तैयार नहीं था । 
( 5 ) रोज ही गिर पड़ता है । 

 

7.      आशय स्पष्ट करें 
( क ) मुझे ऐसा लग रहा था कि इस घर पर जो छाया घिरी हुई है , वह अज्ञात रहकर भी मानो मुझे भी वश में कर रही है , मैं भी वैसा ही नीरस निर्जीव - सा हो रहा हूँ जैसे - हाँ , जैसे ……..यह घर जैसे , मालती । 
उत्तर -  ये पंक्तियाँ अज्ञेय द्वारा रचित कहानी ' रोज ' से उद्धृत हैं । मालती के घर उसका दूर का भाई अतिथि रूप में आया है । उसकी मालती से यह भेंट कई बरस बाद हुई है । अतिथि को यह लगता है कि उस घर पर कोई काली छाया मँडरा रही है । वह यह भी अनुभव करता है कि इस घर पर जो छाया घिरी है , वह है तो अज्ञात पर वह अतिथि को भी जकड़ती चली जा रही है । वह भी उसकी जकड़ में आकर बड़ा नीरस और निर्जीव - सा हो रहा है । ठीक उसी प्रकार जैसे मालती है , जैसा यह घर है । 

 

8.      'तीन बज गए' , 'चार बज गए', 'ग्यारह बज गए', कहानी में घण्टे के इन खड़कों के साथ - साथ मालती की उपस्थिति है । घण्टा बजने का मालती से क्या सम्बन्ध है ? 
उत्तर - यह संकेत स्पष्ट करता है कि मालती हर समय घण्टा गिनती रहती थी क्योंकि समय काटे नहीं कटता , साथ ही उसके आगे की योजना पर भी काम करना होता है । नौकर है नहीं , बर्तन माँजने , कपड़े धोने , भोजन बनाना सब वही करती है । घण्टा बजने पर उसकी दो मानसिकतायें रहती हैं , पहली यह है कि चलो अब इतना समय बीत गया , दूसरे चलो अब यह कर लो और हर घण्टा गिनना उसको आभास कराता है कि अब इतना समय तो बीत गया । 

 

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