Type Here to Get Search Results !

Panch Parmeshwar summary in Hindi in 200 words

 

पंच परमेश्वर मुंशी प्रेमचंद 

जुम्मन शेख और अलगू चौधरी में मित्रता थी| उन दोनों के विचार मेल खाते थे| उनकी मित्रता लेन-देन में साझेदारी की थी| ऊँ दोनों में परस्पर विश्वास था | जब जुम्मन शेख हज करने गया तो अपने घर की देखरेख उसने अलगू पर छोड़ रखी थी | अलगू चौधरी भी ऐसा ही करता था | बचपन से ही उन दोनों में मित्रता थी |जुम्मन के पिता जुमराती ही दोनों के शिक्षक थे | जुम्मन का मान विद्या के कारण तो अलगू का सम्मान धन के कारण होता था|
                                                            एक ऐसी घटना होती है कि दोनों की मित्रता टूटने लगती है | दरअसल जुम्मन की बूढी खाला ने पंचायत बुलायी | क्योंकि उसकी संपत्ति जुम्मन को मिलने के बावजूद उसकी सेवा ठीक से नहीं हो रही थी | जुम्मन की बीवी करीमन तीखा बोलती थी | “जुम्मन की पत्नी करीमन रोटियों के साथ कड़वी बैटन के कुछ तेज-तीखे  सालन भी देने लगी | जुम्मन शेख भी निष्टुर हो गए | अब बेचारी खाला जान को हमेशा ही ऐसी बातें सुननी पड़ती थी|”



                                          दूसरी तरफ जुम्मन के अपने तर्क थे – “ बुढिया न जाने कब तक जियेगी |दो-तीन बीघे ऊसर क्या दे दिया, मानो मोल ले लिया| बघारी दाल के बिना रोटियां नहीं उतरती | जितना रुपिया इसके पेट में झोंक चुकें, उतने से तो अब तक गाँव मोल ले लेते...|
                    अलगू पंच बनाये गए | बूढी खला ने कहा- “ बेटा क्या बिगाड़ के डर से इमान की बात न कहोगे ?” अलगू उधेड़ बन में फंस जाता है | अलगू बार-बार सोचता है- “किया बिगाड़ के डर से इमां की बात नहीं कहोगे |”
                                          बूढी खाला पंचायत से कहती है – “मुझे न पेट की रोटी मिलती है, न तन का कपड़ा | बेकस बेवा हूँ | कचहरी-दरबार नहीं कर सकती | तुम्हारे सिवा और किसको अपना दुःख सुनोऊँ ? तुम लोग जो राह निकल दो उसी पर चलूँ|
                      अलगू चौधरी पंच थे | उन्होंने हिब्बनामा रद्द करने का फैसला दिया | फैसला को सुनकर जुम्मन शेख सन्नाटे में आ जाता है है | शीघ्र ही एक दूसरी घटना में 

Post a Comment

1 Comments
  1. Bhai nrb non Hindi ka model paper or Mb alt English ka model paper kaise download kre 2021 kaa please btaoo bhai

    ReplyDelete