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Fire-Hymn Summary in Hindi || Fire Hymn By Keki N Daruwalla || Ashraf Raza

 

Bihar Board Class 12th English 100 Marks

Fire-Hymn Summary in Hindi


शमशान घाट का दृश्य सामान्य था । मृतक जल रहे थे । वहाँ भूतों जैसा श्वेत प्रकाश था , जिससे आने - जाने वाले डरते थे । एक दिन , जब वक्ता बच्चा था , वह और उसका पिता नदी तट के समीप शमशान घाट के पास से गुज़रे । आग बुझ गई थी . चिंगारियों की गर्म लालिमा समाप्त हो गई थी ; और उन पर सुरमई राख जम गई थी । एक शरीर के अधजले अंग और उंगलियाँ थीं । वक्ता के पिता ने संकेत दिया कि कभी - कभी आग लापरवाह हो जाती है । वह मृतकों को पूरी तरह जलाना भूल जाती है । वक्ता को इस बात से पीड़ा हुई । उसने आग को भूलने के पाप से बचाने का निश्चय किया । बीस वर्ष पश्चात् वक्ता का ज्येष्ठ बच्चा मर गया । उसने उसका शरीर आग को सौंपा , और देखा कि उसने उसे पूरी तरह जला दिया । अग्नि - मंत्र ने उसके इस गैर - पारसी कार्य को क्षमा कर दिया क्योंकि ऐसा लगता था कि उसने यह कार्य जानबूझकर नहीं बल्कि मजबूरी से किया था । शाँति का स्तम्भ वहाँ से हज़ार मील दूर था । वक्ता को लगा कि उसका उद्देश्य निष्फल हो गया था । उसने शपथ ली कि वह अग्नि को क्षमा के पाप से भी बचाएगा ।

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