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जीवन में कभी इतना तेज मत दौड़ो की किसी को तुम्हे रोकने के लिए पत्थर का इस्तेमाल करना पड़े

प्रसिद्ध उधोगपति जॉनसन एक बार किसी कस्बे से होकर गुज़र रहे थे| उनकी तेज रफ़्तार कार जब उस कस्बे से निकलकर खुले में आई, तभी अचानक एक तेज आवाज़ के साथ एक बड़ा पत्थर उनकी कार से आ टकराया और कार में खरोंच का एक बड़ा निशान छोड़ गया | जॉनसन ने तत्काल ब्रेक लगाया और कार से उतर कर उधर देखने लगे, जिधर से पत्थर आया था| वह गुस्से से कांपने लगे थे | तभी उनकी नज़र एक लड़के पर पड़ी जो वहीँ सहमा सा खड़ा था| वह उसे थप्पड़ जड़ने ही वाले थे कि लड़का रुआंसा होकर बोला, "पत्थर फेंकने के लिए माफ़ी चाहता हूँ | मगर यहाँ से गुजर रही सभी गाड़ियाँ इतनी तेज दौर रही हैं कि मेरे चिल्लाने की आवाज़ किसी के कानों में नही पड़ रही | पिछली गली के कोने में मेरा बड़ा भाई अपने व्हीलचेयर से गिरकर जमीं पर पड़ा है | मैं उसे खुद से नहीं उठा प् रहा हूँ, इसलिए मदद के लिए बड़ी देर से चिल्ला रहा हूँ| जब किसी ने भी नहीं रुका तो मुझे मजबूरन आपकी गाडी पर पत्थर मरना पड़ा| आप ही बताइए मैं क्या करता| क्या मैं अपने भाई को उसके हाल पर छोड़ दूँ? लड़के की मासूमियत भरी बात सुनते ही जॉनसन का गुस्सा उतर गया| वह उस लड़के के साथ उसके भाई के पास पहुंचे और उन्होंने उसे सहारा देकर व्हील चेयर पर बैठाया| दोनों भाइयों ने जॉनसन के प्रति आभार व्यक्त किया |
जॉनसन इस घटना को भुला नही पाए| काफी दिनों बाद जब उन्होंने अपनी जीवनी लिखी तो उसमे एक खास वाक्य लिखा जो काफी मशहूर हुआ| वह वाक्य था, "जीवन में कभी इतना तेज मत दौड़ो की किसी को तुम्हे रोकने के लिए पत्थर का इस्तेमाल करना पड़े|"

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